रामधारी सिंह दिनकर की बड़ी बहू का 94 साल की आयु में  निधन

रामधारी सिंह दिनकर की बड़ी बहू का 94 साल की आयु में निधन । (Ramdhari Singh Dinkar’s elder daughter-in-law passes away at the age of 94)

बिहार।पटना।मोकामा।कल 12 नवम्बर को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की बड़ी पुत्रवधु हेमंत देवी का आज निधन हो गया । आज सोमवार को उनका अंतिम संस्कार पटना में ही किया जाएगा। कल 12 नवम्बर को पटना में आर्य कुमार रोड स्थित निवास स्थान दिनकर-भवन में उनका निधन हुआ। इससे साहित्यिक जगत और परिवार में शोक व्याप्त हो गया है। उनकी उम्र 94 वर्ष थी। वे अपने पीछे एक पुत्र और चार पुत्रियों को छोड़ गई हैं। (Ramdhari Singh Dinkar’s elder daughter-in-law passes away at the age of 94)

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Ramdhari Singh Dinkar's elder daughter-in-law passes away at the age of 94
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हेमंत देवी के निधन की खबर से प्रसिद्ध राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पैतृक आवास सिमरिया में भी गमगीन माहौल है(There is a sad atmosphere in Simaria, the ancestral home of famous national poet Ramdhari Singh Dinkar, due to the news of Hemant Devi’s demise)

हेमंत देवी के निधन की खबर से प्रसिद्ध राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के पैतृक आवास सिमरिया में भी गमगीन माहौल है।जैसा कि परिवार इस नुकसान पर शोक मना रहा है, अपने प्रिय कुलमाता को अंतिम विदाई देने की तैयारी चल रही है। अपने ओजस्वी छंदों और गहन विचारों से अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली हेमंत देवी ने पटना के आर्य कुमार रोड स्थित अपने दिनकर भवन में अंतिम सांस ली। (Ramdhari Singh Dinkar’s elder daughter-in-law passes away at the age of 94)

दिनकर एक साहित्यिक प्रतिमा हैं जिन्होंने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है(Dinkar is a literary icon who has left an indelible mark on the cultural landscape of India)

ज्ञात हो कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर एक साहित्यिक प्रतिमा हैं जिन्होंने भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके गहन छंद और विचारोत्तेजक कविताएं पीढ़ियों तक गूंजती रहीं, जिससे वे हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गए।दिनकर की कविता मानवीय भावनाओं, सामाजिक मुद्दों और आम आदमी के संघर्षों के बारे में उनकी गहरी समझ को दर्शाती है। उनके पास इन अनुभवों के सार को पकड़ने और उन्हें इस तरह से प्रस्तुत करने की अद्वितीय क्षमता थी जो लाखों लोगों के दिलों को छू जाए। उनके शब्दों ने प्रेरणा स्रोत के रूप में काम किया है, व्यक्तियों को सामाजिक मानदंडों पर सवाल उठाने, अन्याय के खिलाफ लड़ने और एक बेहतर समाज के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है। (Ramdhari Singh Dinkar’s elder daughter-in-law passes away at the age of 94)

दिनकर की उल्लेखनीय कृतियों में से एक “रश्मिरथी” है(One of Dinkar’s notable works is “Rashmirathi”)

दिनकर की उल्लेखनीय कृतियों में से एक “रश्मिरथी” है, जो एक महाकाव्य कविता है जो महाभारत से कर्ण के जीवन और वीरता का वर्णन करती है। इस उत्कृष्ट कृति के माध्यम से, उन्होंने न केवल अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि वफादारी, बलिदान और नियति जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला। (Ramdhari Singh Dinkar’s elder daughter-in-law passes away at the age of 94)

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