नवादा लोकसभा चुनाव का नॉमिनेशन कल से शुरू और उम्मीदवारी पर अब तक सस्पेंस

नवादा लोकसभा चुनाव का नॉमिनेशन कल से शुरू और उम्मीदवारी पर अब तक सस्पेंस। (Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature)

बिहार।पटना।मोकामा।नवादा लोकसभा (Nawada Lok Sabha) चुनाव का नॉमिनेशन कल से शुरू और उम्मीदवारी पर अब तक सस्पेंस बना हुआ है ,न भाजपा (BJP)न महागठबंधन कोई निर्णय ले पा रहा है । लोजपा नेता सूरजभान (Surajbhan Singh) के भाई चन्दन (Chandan Singh) हैं वर्तमान सांसद परन्तु इस बार उनकी पार्टी को NDA में नहीं मिला कोई भाव, लोग उनके सियासी भविष्य को लेकर भी चर्चा कर रहे है।सूरजभान सिंह ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वो लगातार कह रहे हैं की उन्हें नरेंद्र मोदी पर भरोषा है शीर्ष नेतृत्व जल्द ही कोई समाधान निकल लेगा।कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि सूरजभान सिंह(Surajbhan Singh) आगामी चुनावों में पार्टी बदल सकते हैं या स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं। इस मामले पर उनकी चुप्पी ने उनकी संभावित उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस को और बढ़ा दिया है। अब कल से नवादा लोकसभा के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सभी राजनेताओं की निगाहें नवादा पर हैं क्योंकि राजनीतिक दल और मतदाता यह देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि लोकसभा सीट के लिए कौन चुनाव लड़ेगा। आने वाले दिन निश्चित रूप से इस लोकसभा चुनावी दौड़ में और अधिक उतार-चढ़ाव लाएंगे। (Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature)

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Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature
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परिसीमन से पहले नवादा एससी आरक्षित सीट हुआ करती थी(Before delimitation, Nawada used to be a SC reserved seat.)

ज्ञात हो कि परिसीमन से पहले नवादा (Nawada )एससी आरक्षित सीट हुआ करती थी, लेकिन 2009 के चुनाव से पहले इसे सामान्य सीट में बदल दिया गया। 2009 और 2014 में यहां बीजेपी ने कब्जा जमाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) ने अपने गठबंधन की सहयोगी लोजपा को यह सीट दी। अभी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के चंदन सिंह नवादा से सांसद हैं।यह स्पष्ट है कि नवादा हाल के वर्षों में भाजपा और उसके सहयोगियों के लिए एक गढ़ रहा है। 2019 में एलजेपी को सीट देने का फैसला दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की ताकत को दर्शाता है।नवादा से सांसद के रूप में चंदन सिंह (Chnadan Singh)की जीत से इस क्षेत्र पर उनकी पकड़ और मजबूत हो गई है।आरक्षित और सामान्य सीटों की बदलती गतिशीलता, साथ ही राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए रणनीतिक निर्णय, चुनाव के नतीजे निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य के चुनावों में यह प्रवृत्ति कैसे जारी रहती है और क्या नवादा इन दलों के लिए एक प्रमुख युद्धक्षेत्र बना रहता है। (Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature)

सूरजभान सिंह काफी परिपक्व राजनीतिज्ञ माने जाते हैं।(Surajbhan Singh is considered a very mature politician.)

सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh)काफी परिपक्व राजनीतिज्ञ माने जाते हैं,वह हर निर्णय काफी सोच समझ कर लेते हैं ।वह वर्ष 2000 में मोकामा से विधायक बने फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।2004 में बलिया से जीतकर लोकसभा पहुचे सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) ने 2014 में जदयू के कद्दावर नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह (Rajeev Ranjan Singh alias Lalan Singh) को परास्त किया था और उनकी धर्मपत्नी वीणा देवी (Veena Devi) मुंगेर लोकसभा (Munger Lok Sabha) से सांसद चुनी गई थी ।वर्ष 2009 में सूरजभान सिंह के छोटे भाई चन्दन सिंह (Chandan Singh) ने नवादा से चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीतकर लोकसभा का रुख किया था ।जब जब सूरजभान सिंह मुश्किल में थे उनका राजनीतिक ग्राफ लगातार बढ़ता गया । चुनाव जीतने और इतने वर्षों तक सांसद के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने की उनकी क्षमता उनके नेतृत्व कौशल और लोगों के बीच लोकप्रियता का प्रमाण है। उनकी पत्नी और छोटा भाई भी अपने राजनीतिक प्रयासों में सफल रहे हैं। एक राजनेता के रूप में सूरजभान सिंह की परिपक्वता भारतीय राजनीति की जटिल दुनिया को पार करने और बार-बार विजयी होने की उनकी क्षमता में स्पष्ट है। उनकी सफलता का ट्रैक रिकॉर्ड लोगों की सेवा करने और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति उनके समर्पण का प्रतिबिंब है। (Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature)

सूरजभान सिंह अभी पशुपति पारस के नेतृत्व वाले लोजपा में हैं।(Surajbhan Singh is currently in LJP led by Pashupati Paras.)

सूरजभान सिंह अभी पशुपति पारस (Pashupati Paras) के नेतृत्व वाले लोजपा(LJP) में हैं और इनकी पार्टी को NDA गठबंधन से कोई भी टिकट नहीं दिया गया है। पशुपति पारस ने केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है हालाँकि उन्होंने भी अभी कोई पत्ते नहीं खोले हैं। स्वभाविक है सूरजभान सिंह अभी नवादा लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार घोषित किये जाने का इन्तजार कर रहे हों। उन्होंने मिडिया को दिए बयान में बताया है कि उनकी आस्था श्री नरेंद्र मोदी )(Shri Narendra Modi)में है और वह अभी भी किसी अच्छी और बड़ी खबर का इन्तजार कर रहे हैं । उन्होंने भरोषा जताया है की शीर्ष नेतृत्व जल्द ही कुछ समाधान निकाल लेगी । हालाँकि सूरजभान सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में तैयार रहने को कहा है । (Nomination for Nawada Lok Sabha elections starts from tomorrow and there is still suspense on the candidature)

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