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अर्जुन सिंह: एक जीवित किंवदंती/Arjun Singh: A Living Legend
मोकामा के शेरपुर गांव में आपका जन्म हुआ। जीवन के नौ दशक देख चुके श्री अर्जुन सिंह ने बिहार सरकार में जूनियर इंजीनियर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी और वर्ष 1983 में इंजीनियर इन चीफ के रूप में सर्वोच्च पद से रिटायर हुए। उनके सेवा…
एक था कीसा!
एक था कीसा;- कीसा मतलब कृष्ण सा ..थोरा नटखट थोरा शर्मीला,वैसे तो उसका पूरा नाम कृष्णकांत शर्मा था पर उसके कर्मों के कारन लोग उसे किसान सिंह तो कोई एम्बुलेंस बुलाता था मगर वो कीसा के नाम से ही जाना जाता था, जैसे भगवान कृष्ण ने लोगो को आपदा…
स्व: श्री राम नन्दन सिंह(धरित्री )
स्व: श्री राम नन्दन सिंह ,एक इंसान जो जबतक जिया उसकी समाज को बेहतर बनाने की ललक हमेशा जवान रही.साधारण कद काठीमगर आकर्षक वक्तितव आपकी खासियत थी .जिधर से आप गुजर जाते थे. परनाम सर परनाम सर कहने वालो की कतार सी लग जाती थी.उनसे बड़े आयु के लोग…
आचार्य राजेंद्र प्रसाद सिंह!
आचार्य राजेंद्र प्रसाद सिंह:-मोकामा से २ किलोमीटर दूर पंचमहला गावं में एक किसान के घर 04 मई 1941 को एक बालक का जन्म हुआ.बचपन से ही पढने में महारत हासिल.जब भी देखो वो किताबों की दुनिया में खोया रहता .माँ बाप ने बड़े प्यार से नाम रखा राजेंद्र…
डॉ. मंजय कश्यप…होनहार विरवान के होत चिकने पात!
डॉ. मंजय कश्यप...होनहार विरवान के होत चिकने पात , यह कथन अक्षरश सही होती है डॉ. मंजय कश्यप जी पर,अपने वल्य्काल से ही अपने मित्रों के बीच एक गायक के रूप में मशहूर रहे थे,भोजपुरी मैथिलि मगही आदि गीतों को लिखना और गाना उनके जीवन का अभिन्न अंग…
श्री चंद्रशेखर प्रसाद सिंह उर्फ़ चंद्रशेखर बाबू!
धारित्री में आज जानेंगे मोकामा के वीर सपूत श्री चंद्रशेखर प्रसाद सिंह उर्फ़ चंद्रशेखर बाबू को
चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूंथा जाऊं
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊं
चाह नहीं सम्राटों के सिर पर हे हरि ! डाला जाऊं
चाह…
आनंद शंकर!
१ मार्च १९५० का दिन मोकामा के मोलदियार टोला के एक मध्यमवर्गीय परिवार मैं किलकारियां गूंजी एक बालक का जन्म हुआ.माता पिता सहित पुरे मोहेल्ले ने पुत्र होने की ख़ुशी मैं मंगल गीत गाये.लड़के को देखने भर से दिल मैं खुशी और आनंद का आभास होता…
धरित्री!
मोकामा प्रणाम
मोकामा समूह के सभी सदस्यों को प्यार भरा नमस्कार .आज आप सब से पुनह एक सहयोग चाहता हूँ.जैसा की हम सब जानते है मोकामा ऑनलाइन वेबसाइट के रूप मैं लगभग 3 साल का सफर तय कर चूका है.आप सब का सहयोग और प्यार ही इसे इस मुकाम लाया है .जब…
सरस्वती पुत्र को भाव भीनी क्षर्धांजलि !
मोकामा प्रणाम ,
आज दिल तो बहुत दुखी है.खबर भी बहुत बुरी है .मगर इस्वर को जो मंजूर हो उसे कौन मिटा सकता है .ये सम्पादकीय लिखते हुए आँखें नम है.यूँ तो एक दिन सबको ही जाना है मगर जिनकी जरुरत धरा को होती है वो लोग कुछ जल्दी ही बुला लिए जाते है…
हेड सर (सीताराम बाबा)..
एक येसा वक्तित्व जिनका अनुशासन का पैमाना इतना शख्त था की छात्र तो छात्र शिक्षक गन भी उनके सामने कांपते नज़र आते थे.राम कृष्ण रुद्रावती उच्च विद्यालय को अपने हाथों से संवारा.अपने जीवन के अंतिम दिनों तक भी वो स्कूल जाते रहे और अपने ज्ञान का…