जागरण पत्रकार विमल की हत्या पर विपक्ष ने नितीश को घेरा ।

जागरण पत्रकार विमल की हत्या पर विपक्ष ने नितीश को घेरा । (Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish)

बिहार।पटना।मोकामा।शुक्रवार की सुबह अररिया में दैनिक जागरण के संवाद सूत्र विमल कुमार की गोली मारकर हत्या कर दिये जाने की दुखद घटना से परिजनों में शोक की लहर दौड़ गयी है।अपराधियों का उनके घर में घुसकर इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम देना बेहद परेशान करने वाला है।विमल की असामयिक मृत्यु सीने में घातक बंदूक की गोली के घाव के कारण हुई। ऐसे समर्पित पत्रकार और समाज के मूल्यवान सदस्य को खोना उनके परिवार और समग्र रूप से पत्रकारिता बिरादरी दोनों के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।इस त्रासदी को और अधिक हृदय विदारक बनाने वाली बात यह है कि यह चार साल पहले हुई एक ऐसी ही घटना की याद दिलाती है जब विमल के छोटे भाई कुमार शशिभूषण उर्फ गब्बू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों घटनाओं के बीच भयावह समानता हमारे समाज में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है।पत्रकार विभिन्न मुद्दों पर निडर होकर रिपोर्टिंग करके लोकतंत्र को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।उनकी दिन दहाड़े हत्या से कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लाजमी है । (Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish)

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Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish
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पत्रकार यूनियन के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन राज्य में पत्रकार सुरक्षा के चिंताजनक मुद्दे को उजागर करता है। (Protest by journalists’ union members highlights the worrying issue of journalist safety in the state)

पटना में बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सदस्यों का विरोध प्रदर्शन राज्य में पत्रकार सुरक्षा के चिंताजनक मुद्दे को उजागर करता है। अररिया में एक पत्रकार की हत्या ने एक बार फिर पत्रकारों को अपने महत्वपूर्ण कार्य करते समय जोखिमों और खतरों का सामना करना पड़ता है।यूनियन की बिहार सरकार से सुरक्षा की गारंटी की मांग न सिर्फ जायज है, बल्कि प्रेस की आजादी सुनिश्चित करने और पत्रकारों के जीवन की रक्षा के लिए जरूरी भी है। यह जरूरी है कि पत्रकार हिंसा या धमकी के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें, क्योंकि वे लोकतंत्र को बनाए रखने और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।एक पत्रकार की हत्या न केवल उनकी आवाज को दबा देती है, बल्कि अन्य पत्रकारों को भी एक भयावह संदेश भेजती है, जिससे वे संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने या भ्रष्टाचार और गलत कामों को उजागर करने से हतोत्साहित हो जाते हैं। यह पारदर्शिता, जन जागरूकता और अंततः एक लोकतांत्रिक समाज के कामकाज के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है।इस मुद्दे को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए, बिहार सरकार के लिए तत्काल कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। (Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish)

इन जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोग परिणाम के डर के बिना खुलेआम घूम रहे हैं।(Those responsible for these heinous acts are roaming freely without fear of consequences)

विमल की हत्या, खासकर यह देखते हुए कि वह अपने भाई की हत्या का एकमात्र गवाह था, बिहार में न्याय चाहने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। तथ्य यह है कि इन जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोग परिणाम के डर के बिना खुलेआम घूम रहे हैं, यह न केवल एक दोषपूर्ण प्रणाली का प्रतिबिंब है, बल्कि नागरिकों को एक भयावह संदेश भी देता है।केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राज्य सरकार की छत्रछाया में बदमाशों को पनाह मिलना निराशाजनक है। इससे उनकी ओर से संभावित मिलीभगत या लापरवाही का संदेह पैदा होता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार नेताओं के रूप में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों को इस गंभीर स्थिति पर शर्म आनी चाहिए। (Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish)

शाहनवाज हुसैन ने एक ट्वीट कर लिखा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर ही हमला है।(Shahnawaz Hussain wrote in a tweet that the attack on journalists is an attack on democracy itself)

भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने एक ट्वीट कर लिखा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर ही हमला है, क्योंकि वे सच्चाई को सामने लाने और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हुसैन ने घटना की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और अधिकारियों से दोषियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया।भाजपा नेता ने इस कठिन समय में विमल के परिवार के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए उनके प्रति संवेदना व्यक्त की।युवा सांसद चिराग पासवान ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक जीवंत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है, क्योंकि यह एक निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करता है, भ्रष्टाचार को उजागर करता है, अन्याय को उजागर करता है और हाशिये पर पड़े समुदायों को आवाज देता है। (Jagran journalist Vimal killed opposition surrounds Nitish)

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