मोकामा रेलवे स्टेशन का नाम अमृत मॉडल स्टेशन की सूचि से क्यों हटा ?
मोकामा रेलवे स्टेशन का नाम अमृत मॉडल स्टेशन की सूचि से क्यों हटा ? (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा बिहार का एक बहुत ही व्यस्त रेलवे स्टेशन है जंहा रोजाना सेकड़ों रेलगाड़ी रूकती है और लोग अपनी यात्रा करते हैं।यह रेलवे स्टेशन इतना ज्यादा महत्वपूर्ण था कि भारत सरकार ने इसे सन 1999 में ही मॉडल स्टेशन का दर्जा दे रखा था,उस वक्त बिहार के मात्र 55 रेलवे स्टेशन को ही यह दर्जा मिला था (Akshayawat Rai Nagar, Ara, Araria Court, Barauni, Begu Sarai, Bettiah, Bhagalpur, Buxar, Chhapra, Dehri-on-Sone, Danapur, Darbhanga, Gaya, Hajipur Jn, Jamalpur Jn., Janakpur Road, Katihar, Khagaria, Kishanganj, Mokama, Motihari, Muzaffarpur, Nalanda, Nayagaon, Narkatiaganj jn, Nawadah, Patna Jn., Purnea jn., Sagauli jn, Sasaram, Samastipur, Sheikhpura, Sitamarhi, Siwan Jn., Sonepur, Sultanganj, Patna Sahib, Bakhtiyarpur, Biharsharif, Jamui, Jhajha, Kiul, Lakheesarai, Rajendra Nagar (T), Rajgir, Anugrah Narayan Road, Raxaul, Saharsa, Madhubani, Barh, Bhabua Road, Dalsinghsarai, Phulwarisarif, Bariarpur and Mananpur.)। भौगोलिक रूप मोकामा इतना धनी है कि यह बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने की पात्रता रखता है। मगध, मिथिला और अंगिका तीनों भौगोलिक सीमाओं का यंहा संगम हैं।एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में मोकामा का महत्व इसके ऐतिहासिक महत्व से और भी बढ़ जाता है। यह हलचल भरा रेलवे स्टेशन न केवल बिहार के भीतर बल्कि पड़ोसी राज्यों के यात्रियों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। विभिन्न क्षेत्रों से लोगों की निरंतर आमद मोकामा के जीवंत वातावरण को जोड़ती है, जिससे यह विविध संस्कृतियों का मिश्रण बन जाता है। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
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अपनी व्यस्त प्रकृति के बावजूद, मोकामा अपना आकर्षण बरकरार रखने में कामयाब रहा है(Despite its busy nature, Mokama has managed to retain its charm)
अपनी व्यस्त प्रकृति के बावजूद, मोकामा अपना आकर्षण बरकरार रखने में कामयाब रहा है। शहर का सुरम्य परिवेश, जिसमें पास में बहने वाली गंगा नदी भी शामिल है, बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक टेपेस्ट्री की एक झलक पाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए एक जरूरी जगह के रूप में इसकी अपील को बढ़ाती है।मोकामा टाल की हरियाली में लोग दूर दूर से समय गुजरने यंहा आते हैं । यंहा बिहार का सबसे प्राचीन बाबा परशुराम का विशाल मन्दिर हैं जंहा देश दुनिया से श्रद्धालु मन्नते लेकर आते हैं और उसके पूरा होने पर श्रधा से सर झुकाते हैं ।हर साल लगने वाले राजकीय मेले में लाखों श्रद्धालु यंहा आते हैं । यह मेला आस्था और भक्ति का एक जीवंत उत्सव है, जिसमें मन्दिर और आसपास के मैदानों में रंग-बिरंगी सजावट की जाती है। पूरे दिन, भक्तों के लिए धार्मिक समारोह, संगीत प्रदर्शन,कथा वाचन और सांस्कृतिक प्रदर्शन सहित विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्थानीय विक्रेता धार्मिक कलाकृतियाँ, स्मृति चिन्ह और पारंपरिक खाद्य पदार्थ बेचने वाले स्टॉल लगाते हैं।बच्चों के मनोरंजन के लिए यंहा बड़े बड़े झूले से लेकर खेलने खाने की कई दुकानें होती हैं । (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
नाजरथ अस्पताल के परिसर में अव्स्तिथ बिहार के सबसे बड़े गिरिजाघर में फरवरी के पहले रविवार को भव्य मेला लगता है।(A grand fair is held on the first Sunday of February in the largest church of Bihar located in the premises of Nazareth Hospital.)
मोकामा के नाजरथ अस्पताल के परिसर में अव्स्तिथ बिहार के सबसे बड़े गिरिजाघर में फरवरी के पहले रविवार को भव्य मेला लगता है जिसमें देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं और माँ मरियम की पूजा करते हैं । यंहा तीर्थयात्री प्रार्थना करने, मोमबत्तियाँ जलाने और मदर मैरी से आशीर्वाद लेने के लिए इस स्थल पर आते हैं। जब लोग एकता और एकजुटता के साथ एक साथ आते हैं तो माहौल खुशी और श्रद्धा से भर जाता है।जब लोग मदर मैरी को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा होते हैं तो हवा भजनों और मंत्रों की आवाज़ से भर जाती है। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
चाराडीह में बाबा चौहरमल का विशाल मेला लगता है जंहा दबे कुचले और पिछड़े वर्ग के लोग मन्नतें मांगने आते हैं।(A huge fair of Baba Chauharmal is held in Charadih where people from the downtrodden and backward classes come to seek blessings.)
मोकामा टाल में अव्स्तिथ चाराडीह में बाबा चौहरमल का विशाल मेला लगता है जंहा दबे कुचले और पिछड़े वर्ग के लोग मन्नतें मांगने आते हैं। पांच दिन चलने वाला मेला दिन रात चलता रहता है जंहा दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और टेंट बनाकर रहते हैं । मेले के दौरान, बाबा चौहरमल के सम्मान में विभिन्न अनुष्ठान और समारोह किए जाते हैं, जिन्हें एक शक्तिशाली देवता माना जाता है जो इच्छाएं पूरी करने और समृद्धि लाने में सक्षम हैं। माहौल भक्ति और आध्यात्मिकता से भर जाता है क्योंकि लोग बाबा चौहरमल को समर्पित मंदिर में प्रार्थना करते हैं, अगरबत्ती जलाते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। धार्मिक गतिविधियों के अलावा, मेले में सांस्कृतिक प्रदर्शन, पारंपरिक संगीत, नृत्य और स्थानीय व्यंजन बेचने वाले खाद्य स्टॉल भी शामिल हैं। यह आस्था और सामुदायिक भावना का एक जीवंत उत्सव है, जहां लोग अपनी साझा मान्यताओं और परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
मोकामाघाट सीआरपीएफ कैम्प स्थित पीर बाबा उर्स मेले का आयोजन हर साल होता हैं।(Pir Baba Urs fair is organized every year at Mokamaghat CRPF Camp.)
मोकामाघाट सीआरपीएफ कैम्प स्थित पीर बाबा उर्स मेले का आयोजन हर साल होता हैं। दूर-दूर से आये श्रद्धालु पीर बाबा के मजार चादरपोशी कर माथा टेक आशीर्वाद प्राप्त करते है।स्थानीय श्रद्धालु की झुंड गाजे-बाजे के साथ आकर मजार पर चादर चढ़ाते है।लगभग 1930 ई में अंग्रेजों के शासन काल से ही यंहा पीर बाबा उर्स मेले का आयोजन किया जा रहा हैं।यह महोत्सव पीर बाबा के उर्स के अवसर मे उर्दू तारीख के 11 एवं12 को खाली चाँद में मनाया जाता हैं ।मेला उपस्थित लोगों के बीच सामाजिक संपर्क और नेटवर्किंग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ आने और अपनी साझा विरासत का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह आनंद और उत्सव का समय है, जहां पुरानी मित्रताएं नवीनीकृत होती हैं और नए संबंध बनते हैं।कुल मिलाकर, पीर बाबा उर्स मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि एक सामाजिक मिलन भी है जो अलग अलग समुदाय के लोगों को साथ लाता है। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
मोकामा से 14 किलोमीटर दूर पश्चिम में पुण्यार्क सूर्य मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।(Punyark Sun Temple, 14 kilometers west of Mokama, is the main center of faith of devotees.)
मोकामा से 14 किलोमीटर दूर पश्चिम में पुण्यार्क सूर्य मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। छठ के समय इस पौराणिक मंदिर में भक्ति, आस्था और समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इस मंदिर में हर साल चैत और कार्तिक मास में छठ पूजा के अवसर पर हजारों श्रद्धालु भगवान सूर्य को अघ्र्य देते हैं। येसी मान्यता हैं की भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब ने अपने कुष्ठ रोग से मुक्ति को के बाद भगवान भास्कर को समर्पित यह पुन्यार्क मन्दिर का निर्माण करवाया था। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
मोकामा से 8 किलोमीटर दूर मोर गांव के एन एच 31 निकट माँ भगवती का विशाल मंदिर है।(There is a huge temple of Maa Bhagwati near NH 31 of Mor village, 8 kilometers from Mokama.)
मोकामा से 8 किलोमीटर दूर मोर गांव के एन एच 31 निकट माँ भगवती का विशाल मंदिर है, जो मां भगवती के प्रति अटूट भक्ति का प्रमाण है। इसे मौर्यकालीन मंदिर के नाम से ऐतिहासिक कालखंडों को समेटे अनादि काल से नीम के एक विशाल पेड़ के नीचे मां भगवती विराजित है। मंदिर में संग्रहित मूर्तियों के अवलोकन से भी उन मूर्तियों के मौर्यकालीन होने के प्रमाण मिलते हैं। हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर यंहा श्रधालुओं की भाड़ी भीड़ उमड़ती हैं. देश के कोने कोने से लोग माँ की आराधना करने आते हैं। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
मोकामा रेलवे स्टेशन को बिहार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन माना जाता था।(Mokama railway station was considered a very important railway station of Bihar.)
इतनी समृद्ध विरासत और भौगोलिक स्तिथि होने के कारण ही मोकामा रेलवे स्टेशन को बिहार का एक अत्यंत महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन माना जाता था ।वर्ष 1999 में मोकामा रेलवे स्टेशन को मॉडल रेलवे स्टेशन घोषित किया गया था उसके बाद इस स्टेशन पर कई सुविधाएँ मुहैया करवाई गई जो यंहा से गुजरने वाले यात्रिओं को सुगम यात्रा करने में सहायक साबित होती है। राजनितिक उद्येश्यों की पूर्ति के लिए , किसी की स्वार्थ सिद्धि के लिए, या सत्तासुख में डूबे नेताओं की अकर्मण्यता की वजह से न जाने क्यों पिछले साल ही मोकामा को अमृत मॉडल स्टेशन की सूचि से हटा दिया गया । नई सूचि में बिहार के कुल 86 रेलवे स्टेशन का नाम दर्ज है( Anugraha Narayan Road, Ara, Bakhtiyarpur, Banka, Banmankhi, Bapudham Motihari, Barauni, Barh, Barsoi Jn, Begusarai, Bettiah, Bhabua Road, Bhagalpur, Bhagwanpur, Bihar Sharif, Bihiya, Bikramganj, Buxar, Chausa, Chhapra, Dalsingh Sarai, Darbhanga, Dauram Madhepura, Dehri On Sone, Dholi, Dighwara, Dumraon, Durgauti, Fatuha, Gaya, Ghorasahan, Guraru, Hajipur Jn, Jamalpur, Jamui, Janakpur Road, Jaynagar, Jehanabad, Kahalgaon, Karhagola Road, Khagaria Jn, Kishanganj, Kudra, Labha, Laheria Sarai, Lakhisarai, Lakhminia, Madhubani, Maheshkhunt, Mairwa, Mansi Jn, Munger, Muzaffarpur, Nabinagar Road, Narkatiaganj, Naugachia, Paharpur, Piro, Pirpainti, Rafiganj, Raghunathpur, Rajendra Nagar, Rajgir, Ram Dayalu Nagar, Raxaul, Sabaur, Sagauli, Saharsa, Sahibpur Kamal, Sakri, Salauna, Salmari, Samastipur, Sasaram, Shahpur Patoree, Shivanarayanpur, Simri Bakhtiyarpur, Simultala, Sitamarhi, Siwan, Sonpur Jn., Sultanganj, Supaul, Taregna, Thakurganj, Thawe) वंहीं A ग्रेड की सूचि में रहने वाला मोकामा रेलवे स्टेशन का नाम अमृत मोडल स्टेशन की सूचि से हटा दिया गया। (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
मोकामा का नाम मोडल स्टेशन की सूचि से हटाया गया अबतक पक्ष विपक्ष दोनों ही मुद्दे पर मौन धारण कर चुके हैं।(Mokama’s name has been removed from the list of modal stations. Till now both parties and opposition have maintained silence on the issue.)
अफ़सोस इस बात का कम है कि मोकामा का नाम मोडल स्टेशन की सूचि से हटाया गया बल्कि इस बात का ज्यादा है कि पक्ष विपक्ष दोनों ही मुद्दे पर मौन धारण कर चुके हैं ।मोकामा की मिटटी एक से बढ़कर एक राजनितिक धुरंधरों के लिए जानी जाती है परन्तु बड़े खेद के साथ कहना पड़ता है इनमें से किसी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात नहीं रखी।पक्ष विपक्ष सभी को सिर्फ राजनितिक गोटी सेट कर अपना निजी स्वार्थ सिद्ध करना है । (Why was the name of Mokama Railway Station removed from the list of Amrit Model Station?)
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