वीरा है हीरा: मोकामा का वो युवा जो मेहनत और सम्मान की मिसाल है।
वीरा है हीरा: मोकामा का वो युवा जो मेहनत और सम्मान की मिसाल है। (The youth of Mokama who is an example of hard work and respect)
बिहार।पटना।मोकामा।14-05-2025। इस छोटे-से शहर में एक युवा ऐसा भी है जिसकी जीवटता, सादगी, और समर्पण ने उसे हज़ारों लोगों के दिलों की धड़कन बना दिया है। नाम भी नामी है रौशन सिंह मोलदियार। जिस उम्र में युवा सुख-सुविधाओं के पीछे भागते हैं, वीरा ने मेहनत, संघर्ष और समाज के प्रति सम्मान को अपनी पहचान बनाया है। वह न सिर्फ़ एक मिसाल हैं, बल्कि आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी। (The youth of Mokama who is an example of hard work and respect)
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दिनचर्या: सूरज से भी आगे निकलने वाला संघर्ष।(Daily Routine: A Struggle That Outpaces Even the Sun)
वीरा की दिनचर्या सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा। सुबह से शाम तक वह ऑनलाइन शॉपिंग के सामान की डिलीवरी करते हैं। यह काम इतना आसान नहीं, लेकिन वीरा के लिए “थकान” शब्द बेमानी है। शाम होते ही वह मोकामा थाना चौक पर अपना छोटा-सा ढाबा खोलते हैं, जिसे लोग प्यार से “वीरा दा ढाबा” कहते हैं। यहाँ के स्वादिष्ट व्यंजन न सिर्फ़ पेट भरते हैं, बल्कि दिल भी जीत लेते हैं। मगर यहीं उनकी दिनचर्या ख़त्म नहीं होती। रात के अंधेरे में वह अपने खेतों में मेहनत करते हैं, जहाँ वह विभिन्न तरह की सब्जियों, फलों और अनाज का उत्पादन करते हैं। सुबह-शाम खेत की देखभाल करना उनके लिए प्रकृति की सेवा जैसा है। (The youth of Mokama who is an example of hard work and respect)
सेवा और सम्मान: जीवन का मूलमंत्र (Service and Respect: The Mantra of Life)
वीरा सिर्फ़ कामयाबी के पीछे नहीं भागते। उनके लिए समाज की सेवा और महिलाओं का सम्मान सबसे बड़ा धर्म है। वह हर टोले-मोहल्ले की माँ-बहनों को उतना ही आदर देते हैं, जितना अपने परिवार को। यही वजह है कि पूरा मोकामा उन्हें “भाई” कहकर बुलाता है(पंजाबी में भाई को वीरा कहते है) । इसके अलावा, वह बाबा परशुराम के परम भक्त हैं। उनकी दिनचर्या में मंदिर जाकर सेवा करना भी शामिल है। यह आस्था ही उन्हें हर मुश्किल में धैर्य देती है। (The youth of Mokama who is an example of hard work and respect)
उनका वर्तमान जीवन बहुत संघर्षपूर्ण है ।(His current life is full of struggles)
आज वीरा थोड़े मुश्किल दिनों से गुज़र रहे हैं। ज़िंदगी की चुनौतियाँ उनके रास्ते में आई हैं, लेकिन उनका विश्वास अडिग है। बाबा परशुराम पर अटूट भक्ति और खुद पर भरोसा रखते हुए वह हर बाधा को पार करने को तैयार हैं। मोकामा के लोग उनकी इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं। सबकी दुआएँ और सपोर्ट उन्हें जल्द ही सामान्य जीवन में लौटने की ताकत देगा। (The youth of Mokama who is an example of hard work and respect)
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