एक था कीसा!
एक था कीसा;- कीसा मतलब कृष्ण सा ..थोरा नटखट थोरा शर्मीला,वैसे तो उसका पूरा नाम कृष्णकांत शर्मा था पर उसके कर्मों के कारन लोग उसे किसान सिंह तो कोई एम्बुलेंस बुलाता था मगर वो कीसा के नाम से ही जाना जाता था, जैसे भगवान कृष्ण ने लोगो को आपदा से बचाने के लिए पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया था लगभग कुछ एसे ही कीसा भी लोगो के दुःख दर्द मैं हमेशा हाजिर रहता था. रात अधरात जब भी किसी के यंहा कोई दुखद घटना घट जाती थी कीसा वंहा तुरंत हाजिर होता और अपने समर्थ अनुसार जरुर मदद करता .जाने कितनो लोगो को उसने अपना खून देकर लोगो की जान बचाई. जब भी किसी को खून की जरुरत होती तो कीसा जरुर मदद करता.कीसा सिंह किसान ही था मगर जब खलिहान लगता था तो पुरे मोह्हाला का खाना(कलोवा) कीसा सिंह ही ले जाता था .लोगो के खाना ही नहीं पहुचाता था बल्कि उनकी खलिहान की रखवाली भी करता था.
आज कीसा सिंह की 13 वी पुन्य तिथि है.आज ही के दिन २००५ को कीसा सिंह ने इस नश्वर शरीर का त्याग किया था. उसकी जान भी अपने मुह्ह्ले के लगभग २० लोगो को बचाते हुये गई नहीं तो इन २० लोगो में से किसी की भी जान जाती मगर उसने आगे बढ़कर अपना बलिदान दिया और उन २० लोगो की जान बचा दी .कीसा- किसान कभी मरा नहीं करते ,आज भी तुम्हारे सपने जिन्दा है और जबतक तुम्हारे सपने होंगे तुम्हारी मौत नहीं हो सकती.जब भी फसले लहलहाएगी तुम याद आओगे .जब भी मुकेश का गया वो गीत ..और रफ़ी की तान सुनूंगा तुम याद आओगे.. और जब भी राजनीति की बात होगी तुम रुलाओगे..