गौशाला सचिव पद से चन्दन जी ने दिया इस्तीफा
गौशाला सचिव पद से चन्दन जी ने दिया इस्तीफा।(Chandan ji resigned from the post of Gaushala secretary)
बिहार।पटना।मोकामा। मोकामा के 113 वर्ष पुराणी श्रीकृष्ण गौशाला (Shri Krishna Gaushala)को 3 दशक बाद पुनर्जीवित करने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता चन्दन जी ने कल सरकारी अधिकारीयों की उदासीनता के चलते अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। चन्दन जी पिछले 4 साल से इस गौशाला के जीर्णोद्धार को लेकर प्रयासरत थे।उन्होंने तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकरी सुमित कुमार, कुंदन कुमार के साथ मिलकर इस श्रीकृष्ण गौशाला के विकास को लेकर कई दौर की चर्चा की । चर्चा उपरांत एक तदर्थ समिति गठित की गई जिसकी अध्यक्षता खुद अनुमंडल पदाधिकरी कुंदन कुमार कर रहे थे। तदर्थ समिति के सचिव के रूप में चन्दन जी ने महज 3 महीने में वह कर दिखाया जो पिछले 30 सालों से नहीं हुआ था। (Chandan ji resigned from the post of Gaushala secretary)
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गौशाला परिसर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के लिए राजधानी बन गई थी।(The Gaushala complex had become the capital for people involved in criminal activities)
गौशाला परिसर में अपराधियों ने अवैध कब्ज़ा कर रखा था। गौशाला परिसर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के लिए राजधानी बन गई थी। यंहा नशे का कारोबार फलने फूलने लगा था. गौशाला की एक एक ईंट तक चोरी हो रही थी।स्थानीय लोगों ने इसे गोदाम बना रखा था ।चन्दन जी ने इस मृत पड़ी गौशाला(Shri Krishna Gaushala) को संजीवनी देकर नया जीवन दान दिया।मित्रों के सहयोग और अपने निजी कोष से धन खर्च कर इस गौशाला के एक एक ईंट की मरम्मत करवाई। कुआं, पशुओं के पानी पीने के लिए पनशाला , पूजा पाठ के लिए मन्दिर , बड़े बड़े पेड़ो के किनारे चबूतरे , पशुओं के रहने के लिए बड़े बड़े कक्ष बनवाये। गौशाला परिसर की दीवारों को मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया, बड़े बड़े लाईट लगाये गये ताकि यंहा पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था हो सके । चन्दन जी ने अपने कद से उंचा उठते हुए इस गौशाला को पुनर्जीवित कर के दिखाया। (Chandan ji resigned from the post of Gaushala secretary)
यह चन्दन जी के 3 महीनों के अथक प्रयास का नतीजा था कि गौशाला एक बार फिर भगवान श्री कृष्ण की गौशाला बन गई ।(It was the result of Chandan ji’s tireless efforts of 3 months that the cowshed once again became the cowshed of Lord Shri Krishna)
यह चन्दन जी के 3 महीनों के अथक प्रयास का नतीजा था कि गौशाला एक बार फिर भगवान श्री कृष्ण की गौशाला (Shri Krishna Gaushala)बन गई । जब गौशाला समिति का चुनाव हुआ तो लोगों ने चन्दन जी के कार्यों को सर्वोतम माना और उन्हें निर्विरोध सचिव चुना गया ।परन्तु सरकारी अधिकारियों का श्रीकृष्ण गौशाला को लेकर उदासीनता, सभी छोटे बड़े नेताओं द्वारा गौशाला के विकास में कोई रूचि नहीं लेना।गौशाला परिसर के आसपास के लोगों द्वारा विकास कार्यों में लगातार बाधा उत्पन्न करना ,सोशल मिडिया के माध्यम से सचिव पर कुछ लोगों द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाये जाने से दुखी चन्दन जी ने दिनांक 28-05-24 को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।उन्होने अपना त्यागपत्र अनुमंडलाधिकारी बाढ़ को प्रेषित किया जो इस श्रीकृष्ण गौशाला के अध्यक्ष है। (Chandan ji resigned from the post of Gaushala secretary)
इतनी बड़ी गौशाला जिसका 100 साल पुराना सोने सा इतिहास है वह एक बार फिर खंडहर में तब्दील होकर रह जाएगी।(Such a huge gaushala (cowshed) which has a 100-year-old golden history will once again turn into ruins.)
अब एक बार फिर यह गौशाला (Shri Krishna Gaushala)अपने स्वर्णिम इतिहास को मिटा काले कारनामों की गवाह बन जायगी क्योंकि दूर दूर तक कोई दूसरा चन्दन नजर नहीं आता जो पुरे दिलोदिमाग पुरे जीजान से इस गौशाला की सेवा कर सके।अपराधियों और नशेड़ियों के लिए सबसे उपयुक्त जगह बनकर रह जाएगी यह गौशाला।कई लोग तो इसी ताक में बैठे थे की कब चन्दन जी की गौशाला से छुट्टी हो उन्हें खुली लुट का मौका मिल सके। यह मोकामा का दुर्भाग्य है कि इतनी बड़ी गौशाला जिसका 100 साल पुराना सोने सा इतिहास है वह एक बार फिर खंडहर में तब्दील होकर रह जाएगी। (Chandan ji resigned from the post of Gaushala secretary)
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