जयंती पर याद  किये गये  बिस्मिल्लाह खां

जयंती पर याद  किये गये  बिस्मिल्लाह खां। (Bismillah Khan remembered on his birth anniversary)

बिहार।पटना।मोकामा।भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां (Bismillah Khan) की 118वीं जयंती के अवसर पर आज गुरूवार को पटना स्थित श्रीकृष्ण स्मारक भवन परिसर में राजकीय समारोह मनाया गया । जिला पदाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक (Shirshit Kapil Ashok) सहित कई वरीय अधिकारीयों और गणमान्य लोगों ने बिस्मिल्लाह खां के तैल चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया । इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों और संगीत विद्यालयों के छात्रों द्वारा प्रसिद्ध शहनाई वादक स्व. बिस्मिल्लाह खां को श्रद्धांजलि दी गई। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के योगदान और शहनाई को लोकप्रिय बनाने में उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। (Bismillah Khan remembered on his birth anniversary)

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Bismillah Khan remembered on his birth anniversary
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यह उत्सव उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की कालातीत विरासत और भारतीय संगीत पर उनके स्थायी प्रभाव की याद दिलाता है(The festival commemorates the timeless legacy of Ustad Bismillah Khan and his lasting impact on Indian music)

यह उत्सव उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (Bismillah Khan)की कालातीत विरासत और भारतीय संगीत पर उनके स्थायी प्रभाव की याद दिलाता है। यह उस उस्ताद को सच्ची श्रद्धांजलि थी जो दुनिया भर के संगीतकारों और संगीत प्रेमियों को प्रेरित करता रहा है। कार्यक्रम का समापन संगीत की दुनिया में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के अद्वितीय योगदान को सम्मान देने और याद रखने के संकल्प के साथ हुआ। (Bismillah Khan remembered on his birth anniversary)

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के संगीत ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।(Ustad Bismillah Khan’s music enthralled listeners not only in India but across the world.)

उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (Bismillah Khan)की शहनाई में महारत ने सीमाओं को पार किया और इस पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्र को एक नए स्तर की पहचान दिलाई। उनके संगीत ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने प्रदर्शन के माध्यम से, उन्होंने बनारस की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया और विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के बीच एकता को बढ़ावा दिया।भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान अद्वितीय था और उनकी विरासत संगीतकारों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रही है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का अपनी कला के प्रति समर्पण और दर्शकों के साथ गहरे भावनात्मक स्तर पर जुड़ने की उनकी क्षमता ने उन्हें वास्तव में एक संगीत किंवदंती बना दिया। उन्हें शहनाई के राजा के रूप में हमेशा याद किया जाएगा, जिनके संगीत ने दुनिया भर में लाखों लोगों के दिलों को छू लिया। (Bismillah Khan remembered on his birth anniversary)

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