मोकामा के किसानों को बनाएंगे खुशहाल कृषि की आधुनिक शिक्षा,एडवांस तकनीक का ज्ञान सिखायेंगे।

मोकामा के किसानों को बनाएंगे खुशहाल कृषि की आधुनिक शिक्षा,एडवांस तकनीक का ज्ञान सिखायेंगे। (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

बिहार।पटना।मोकामा।कृषि की आधुनिक शिक्षा मोकामा के किसानों को खुशहाल बनाएगी, उन्नत तकनीक का ज्ञान देगी और उन्हें टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए सशक्त बनाएगी।कृषि में आधुनिक शिक्षा मोकामा के किसानों को उनकी कृषि पद्धतियों में सुधार करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सुसज्जित करेगी। अपनी खेती के तरीकों में प्रौद्योगिकी को शामिल करके, वे उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, लागत कम कर सकते हैं और अंततः अपनी आय बढ़ा सकते हैं।कृषि में आधुनिक शिक्षा का एक पहलू किसानों को उन्नत मशीनरी और उपकरणों के बारे में सिखाना है। वे सीखेंगे कि इन उपकरणों को प्रभावी ढंग से कैसे संचालित और बनाए रखा जाए, जिससे वे अपनी कार्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकें और उच्च स्तर की दक्षता हासिल कर सकें। उदाहरण के लिए, उन्हें स्वचालित सिंचाई प्रणालियों या सटीक कृषि तकनीकों का उपयोग करने पर प्रशिक्षित किया जा सकता है जो संसाधन उपयोग को अनुकूलित करते हैं। (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology
प्रणव शेखर शाही से बातचीत के दौरान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केंद्र के प्रबंधक डा. नीरज सिंह ने सब्जी उत्पादन के तीन आधार उत्पादन, शीतगृह और प्रसंस्करण ईकाइ पर चर्चा किया

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किसानों को परम्परागत खेती से हटकर आधुनिक तकनीक से खेती करने का सलाह दिया।(Farmers were advised to move away from traditional farming and do farming with modern technology)

मोकामा के दो किसान चन्दन कुमार और प्रणव शेखर शाही पिछले कई सालों से मोकामा के किसानों के हित में कार्य कर रहे हैं।इसी क्रम में दोनों भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की अंगीकृत ईकाइ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी पहुँचे और मोकामा के किसानों के बेहतरी के लिए कृषि वैज्ञानिकों से 3 दिवसीय प्रशिक्षण लिया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की अंगीकृत ईकाइ भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के संस्थान निदेशक डॉ. तुषार कान्ति बेहेरा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केन्द्र मैनेजर डा. नीरज कुमार सिंह ने किसानों को परम्परागत खेती से हटकर आधुनिक तकनीक से खेती करने का सलाह दिया । (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

सब्जी उत्पादक किसानों की समस्या और निदान , बीज की उपलब्धता आदि विषयों पर चर्चा की।(Discussed the problems and diagnosis of vegetable producing farmers, availability of seeds etc)

दोनों किसानों ने वरिष्ठ वैज्ञानिकों से मोकामा को तकनीकी हब बनाने के लिये अनुशंसा एवं सब्जी उत्पादक किसानों की समस्या और निदान , बीज की उपलब्धता आदि विषयों पर चर्चा की। चंदन कुमार ने सब्जी उत्पादन में किसानों को आ रही समस्याओं जैसे बीज की उपलब्धता, कीटों और बिमारियों की समस्या और उत्पादन के बाद की समुचित व्यवस्था आदी विषयों को निदेशक के सामने रखा ।भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांती बेहेरा ने मोकामा और टाल क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसानों की हर संभव मद्द करने का आश्वासन दिया । वैज्ञानिकों द्वारा क्षेत्र दौरा और आ रही समस्याओं का अवलोकन और निष्पादन का वायदा किया । (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

किसानों को ड्रोन, सैटेलाइट इमेजिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों से परिचित कराएगी।(Will introduce farmers to innovative agricultural technologies like drones, satellite imaging and data analytics)

इसके अलावा, आधुनिक शिक्षा किसानों को ड्रोन, सैटेलाइट इमेजिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों से परिचित कराएगी। ये प्रौद्योगिकियाँ फसल स्वास्थ्य, मिट्टी की स्थिति और मौसम के पैटर्न के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान कर सकती हैं। इस जानकारी से लैस होकर, किसान उर्वरक कार्यक्रम, कीट नियंत्रण उपायों और सिंचाई आवश्यकताओं के संबंध में सूचित निर्णय ले सकते हैं। यह ज्ञान न केवल फसल की पैदावार में सुधार करेगा बल्कि इसके उपयोग को कम करके पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम करेगा। (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

डा. नीरज सिंह ने सब्जी उत्पादन के तीन आधार उत्पादन, शीतगृह और प्रसंस्करण ईकाइ पर चर्चा किया।(Dr. Neeraj Singh discussed three basic production, cold storage and processing unit of vegetable production.)

वहीं किसान प्रणव शेखर शाही से बातचीत के दौरान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और कृषि प्रोद्योगिकी सूचना केंद्र के प्रबंधक डा. नीरज सिंह ने सब्जी उत्पादन के तीन आधार उत्पादन, शीतगृह और प्रसंस्करण ईकाइ पर चर्चा किया । उन्होंने सब्जी उत्पादन और मटर उत्पादन के लिये पूरे टाल क्षेत्र के किसानों में से मास्टर ट्रेनर चूनकर उन्हें संस्थान द्वारा ट्रेनिंग देने की बात रखी जो किसानों को उत्पादन के दौरान आ रही समस्याओं का निष्पादन करेंगे ।डा. नीरज कुमार ने बिहार और क्षेत्र के किसानों को विशेष संदेश दिया कि किसान मिलजुलकर खेती करें और अपनी लडाई खूद लडें। किसान किसान का साथ दें सकते हैं लेकिन नेता और अधिकारी अपनी अलग अलग सम्स्याओं के कारण किसानों के साथ खड़े नहीं हो सकते । (Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology)

Modern education of agriculture will make farmers happy, will teach knowledge of advance technology
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