बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा को धर्म नगरी बनाने वाली पद्मा देवी का लम्बी बीमारी के बाद उनके निजी आवास पर आज निधन हो गया। इनके निधन की खबर मिलते ही पूरे मोकामा में शोक की लहर दौड़ गई व शोक संवेदनाओं का तांता लगा हुआ है । साथ ही उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए लोग दूर दूर से पहुच रहे हैं। वह अपने पीछे बेटे,बेटी व भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। (Padma Devi who made Mokama a religious city dies after prolonged illness)
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पद्मा देवी का निधन मोकामा के लिए एक युग का अंत है, एक ऐसा शहर जिसका धार्मिक महत्व उनके अथक प्रयासों के कारण है। अपनी अटूट भक्ति और गहरी आध्यात्मिकता के लिए जानी जाने वाली पद्मा देवी ने मोकामा को धार्मिक गतिविधियों के केंद्र में बदलने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।उनकी पहल पर निर्मित केडिया धर्मशाला आज समाज की शान है ।मोकामा नगर में दो दर्जन से ज्यादा कुंए इनके कहने पर इनके परिजनों द्वारा खुदवाये गये थे । मोकामा के एक प्राचीन तीर्थ भूतनाथ के पास कुआँ और गंगानदी के किनारे सीढ़ी घाट, पंचायन टोला के पास कुआँ और गंगानदी के किनारे सीढ़ी घाट आज भी मौजूद हैं । (Padma Devi who made Mokama a religious city dies after prolonged illness)
पद्मा देवी के पति श्री भोला केडिया बताते हैं कि पद्मा देवी अत्यंत ही धार्मिक और सामाजिक महिला थीं । घर में जब बेटी की शादी हो रही थी उसी समय उन्होंने केडिया धर्मशाला के निर्माण के लिए पहल किया । परिवार में शादी के समय हो आ रही परेशानियों को लेकर वह नहीं चाहती थीं कि वैसी परेशानी किसी और को हो इसके लिए उनके द्वारा केडिया धर्मशाला की नीवं रखी गई ।मिर्जापुर से कुशल कारीगरों को बुलवाया गया और लगभग 1 साल में केडिया धर्मशाला का निर्माण पूरा हुआ ।और तब से अबतक केडिया धर्मशाला समाज की शान बना हुआ है। मोकामा का यह केडिया धर्मशाला अपने अद्भुत अद्वितीय कारीगिरी का प्रतीक बन चूका है आज भी केडिया धर्मशाला की अद्भुत नक्काशी लोगों को अपनी और आकर्षित करती है । (Padma Devi who made Mokama a religious city dies after prolonged illness)
समृद्ध आध्यात्मिक विरासत वाले परिवार में जन्मी पद्मा देवी को आस्था और श्रद्धा की गहरी भावना विरासत में मिली थी । कम उम्र से ही, वह विभिन्न धार्मिक ग्रंथों की शिक्षाओं में डूब गईं और मोकामा के लोगों के बीच अपने ज्ञान को फैलाने की कोशिश की। आज कार्तिक पूर्णिमा के पावन दिन पद्मा देवी मोक्ष की प्राप्ति हुईं।पद्मा देवी, एक धर्मनिष्ठ और दयालु आत्मा थीं, उन्होंने अपना पूरा जीवन आध्यात्मिक ज्ञान की खोज और सामाज के उत्त्थान के कार्यों में बिताया था। आज, कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर, उनकी यात्रा अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गई और आज ही उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ। अपने आध्यात्मिक पथ के प्रति उनकी अटूट आस्था और समर्पण उन्हें दूसरों से अलग करता है।अपने पूरे जीवन में, पद्मा देवी ने दयालुता और निस्वार्थता का परिचय दिया। उन्होंने उन कम भाग्यशाली लोगों की सेवा करने, उनके रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को प्यार और समर्थन देने के लिए अनगिनत घंटे समर्पित किए। (Padma Devi who made Mokama a religious city dies after prolonged illness)
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