मोकामा

ईरिक्शा के आतंक से सहमे मोकामावासी

ईरिक्शा के आतंक से सहमे मोकामावासी । (Mokama residents frightened by the terror of Erickshaw)

बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा यातायात की लाइफ लाइन बन चूका ईरिक्शा अब यात्रियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में ई-रिक्शा को लोगों के लिए खतरानक माना है। ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारियां ही नहीं सड़क पर चलने वाले अन्य यात्री भी इस खतरे से अछूते नहीं हैं।रिपोर्ट में कहा है कि ई-रिक्शा ज्यादातर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों के पास खड़े रहते हैं और सवारियों से पूरी तरह भर जाने तक नहीं चलते। इस वजह से सड़क पर अवरोध उत्पन्न होता है। (Mokama residents frightened by the terror of Erickshaw)

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18 साल से कम के चालक धड़ल्ले से ई-रिक्शा चलाते दिखाई देते हैं(Drivers under 18 years of age are seen driving e-rickshaws recklessly.)

इससे इन क्षेत्रों में भीड़भाड़ और अराजकता बढ़ गई है, जिससे दुर्घटनाओं और चोटों का खतरा बढ़ गया है। रिपोर्ट में कुछ ई-रिक्शा चालकों के लापरवाह ड्राइविंग व्यवहार का भी जिक्र किया गया है, जो अक्सर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं और यात्रियों की जान जोखिम में डालते हैं।कई ईरिक्शा चालक रात्रि सेवा के दौरान लाईट भी नहीं जलाते हैं जिससे दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है।18 साल से कम के चालक धड़ल्ले से ई-रिक्शा चलाते दिखाई देते हैं जिन्हें सडक यातायात के नियमों का जरा सा भी ज्ञान नहीं है। (Mokama residents frightened by the terror of Erickshaw)

कई ई रिक्शाचालक तो आपस में रेस लगाने के क्रम में दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं ।(Many e-rickshaw pullers have met with accidents while racing among themselves.)

मोकामा का रेफरल अस्पताल इस बात का जीता जगता प्रमाण हैं यंहा रोजाना ई-रिक्शा से दुर्घटना ग्रस्त हुए लोग अपना इलाज करवाने आ रहे हैं । अगर घायलों की बातों को सच माने तो ज्यादातर दुर्घटना ई-रिक्शा चालक की नासमझी की वजह से हो रहा है । कई ई रिक्शाचालक तो आपस में रेस लगाने के क्रम में दुर्घटना ग्रस्त हुए हैं । मोकामा चौक बाज़ार, मोकामा रेलवे स्टेशन, आदि भीड़ भार वाले जगहों पर रोजना इनके द्वारा लड़ाई की खबर तो अब आम बात हो गई है। (Mokama residents frightened by the terror of Erickshaw)

मोकामा नगर प्रशासन के पास इस समस्या के लिए कोई समाधान नहीं है।(Mokama city administration has no solution for this problem)

अफ़सोस मोकामा नगर प्रशासन के पास इस समस्या के लिए कोई समाधान नहीं है या यूँ कहें इसे ये लोग इस समस्या का हल करना ही नहीं चाहते । स्थानीय थाना भी जब तक मामला गंभीर न हो तो कोई कदम नहीं उठाता हैं । येसा नहीं है की सभी ई-रिक्शा चालक इसी तरह के हैं 90 प्रतिशत से जयादा ई-रिक्शा चालक ईमानदारी से अपना कार्य कर अपनी रोजी रोटी कमा रहे हैं ।अफ़सोस ये 10 प्रतिशत ई-रिक्शा चालक ने मोकामा के लोगों के जीवन को संकट में डाल रखा है । यात्रियों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों और ई-रिक्शा चालकों दोनों के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। नियमों का पालन करके और जिम्मेदार ड्राइविंग आदतों का अभ्यास करके, ई-रिक्शा जनता के लिए खतरा पैदा किए बिना परिवहन के एक सुविधाजनक साधन के रूप में काम करना जारी रख सकता है। परन्तु मोकामा में ये सब बातें किताबी ज्ञान से जायदा कुछ नहीं । (Mokama residents frightened by the terror of Erickshaw)

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