Those who occupy monastery-temple land should be careful
बिहार।पटना।मोकामा।बिहार में सरकारी जमीन और रैयत की जमीन के अलावा सबसे ज्यादा जमीन जिसके हिस्से में आती है, वो है मठ-मंदिरों की जमीन। ये जमीन कई बार गांव के पुरखे मठ-मंदिर को दान में देते हैं। बिहार के कई मठ-मंदिरों के पास हजारों एकड़ जमीन है। बिहार में मठों और मंदिरों के पास इतनी बड़ी मात्रा में ज़मीन है कि ज़मीन के स्वामित्व को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।पिछले दिनों मोकामा के ठाकुरबाड़ी की जमीन को कब्जाने की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए भूमि को मुक्त करवाने का आदेश अन्चालाधिकरी को दिया। मन्दिर मठ की जमीनों की तलाश में बिहार सरकार जुट गई है। जानकारी के मुताबिक तीन साल से अधिक समय से भी मठ-मंदिरों की जमीन ऑनलाइन नहीं हुई है। राज्य में मठ और मंदिरों के पास 289 हजार एकड़ से अधिक जमीन का पता चला है। हालांकि, इसे एक अनुमान बताया जा रहा है। बिहार सरकार के पास अभी तक सटीक आंकड़ा नहीं है। (Those who occupy monastery-temple land should be careful)
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बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की इस पहल का उद्देश्य मंदिरों और मठों के स्वामित्व वाली भूमि के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। ऐसी सभी संपत्तियों का केंद्रीकृत डेटाबेस बनाकर, उनके उपयोग की निगरानी करना, अतिक्रमण को रोकना और उचित रखरखाव सुनिश्चित करना आसान होगा।इस उद्देश्य के लिए एक वेबसाइट बनाने के लिए विधि विभाग को दिए गए निर्देश भूमि अभिलेखों को आधुनिक बनाने और उन्हें जनता के लिए आसानी से सुलभ बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। भूमि स्वामित्व का विवरण ऑनलाइन अपलोड करने से मंदिरों की भूमि से जुड़ी धोखाधड़ी और अवैध लेनदेन को रोकने में भी मदद मिलेगी।जो भी लोग हेर फेर कर मन्दिर की जमीन कब्जाने की कोशिश करेंगे उनपर क़ानूनी कार्यवाई की जाएगी। (Those who occupy monastery-temple land should be careful)
जिले के सभी मंदिरों से अपनी भूमि का विवरण अपलोड करने की अपील भूमि प्रबंधन प्रथाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार और धार्मिक संस्थानों के बीच एक सहयोगी प्रयास को दर्शाती है। किसी भी कानूनी नतीजों से बचने और सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने में योगदान देने के लिए मंदिरों के लिए इन निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।कुल मिलाकर, यह पहल बिहार सरकार द्वारा कुशल शासन और भविष्य के लिए मंदिरों और मठों के स्वामित्व वाली मूल्यवान संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है। (Those who occupy monastery-temple land should be careful)
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