Rekha Devi will remain alive even after death
बिहार।पटना।मोकामा। मोकामा की वार्ड न. 17, बरही टोला निवासी अशोक महतों की धर्मपत्नी रेखा देवी का निधन सडक दुर्घटना में हो गया था ।इलाज के दौरान ही जब वह अंतिम घड़ियाँ गिन रहीं थी तो उनके परिवार द्वारा यह निर्णय लिया गया की रेखा देवी की आँखें दान कर दी जाएँ। रेखा देवी 3 दिसंबर को वह अज्ञात वाहन की चपेट में आ गई थी और गंभीर रूप से घयल हो गई थी।उनके सर में गम्भीर चोटें आई थी उसके बाद 4 दिसंबर को इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई ।इनके निधन के तुरंत बाद इनकी आँखे अस्पताल प्रशासन द्वारा निकाली गई और बाद में एक 11 वर्षीय बच्चे में रेखा देवी की आँखें प्रत्यारोपित कर दी गई जिसके बाद वह बालक फिर से दुनिया देख पा रहा है। (Rekha Devi will remain alive even after death)
मोकामा ऑनलाइन की वाटस ऐप ग्रुप से जुड़िये और खबरें सीधे अपने मोबाइल फ़ोन में पढ़िए ।
रेखा देवी की मृत्यु के बाद परिजनों ने नेत्रदान कर दिया मानवता का परिचय।रेखा देवी के निधन के बाद उनके परिजनों ने एक ऐसा हृदयस्पर्शी निर्णय लिया जो मानवता पर सदैव अमिट छाप छोड़ेगा। करुणा के निस्वार्थ कार्य में, उन्होंने उसकी आँखें दान करने का फैसला किया, इस सरल भाव के साथ कि किसी अंधे व्यक्ति के जीवन में सदा के लिए उजियारा संभव हो सकेगा ।रेखा देवी की आंखें दान करने का फैसला उनके परिवार के लिए आसान नहीं था। वे अपनी प्यारी माँ, पत्नी और बहन को अल्पायु में खोने का दुःख मना रहे थे। हालाँकि, अपने दुःख के बीच, उन्हें इस विचार से सांत्वना मिली कि रेखा देवी के द्वारा दिए गए दृष्टि के उपहार के माध्यम से वह जीवित रह सकती हैं। (Rekha Devi will remain alive even after death)
दुखद निधन के बाद भी, रेखा देवी नेत्रदान के माध्यम से जीवित रहेगी । उनके परिवार ने उनकी आंखें दान करने का निस्वार्थ निर्णय लिया और एक 11 वर्षीय बालक को दृष्टि का उपहार मिला। 4 दिसंबर को रेखा देवी के निधन के कुछ ही क्षण बाद, अस्पताल प्रशासन ने तेजी से उनकी आंखें निकालने की प्रक्रिया को अंजाम दिया और एक 11 वर्षीय बच्चा अब दुनिया देख पा रहा है। (Rekha Devi will remain alive even after death)
हालाँकि रेखा देवी के परिजन रेखा देवी के अंग दान के इस पुन्य कार्य को सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे ,मगर दुसरे लोग भी इस नेक कार्य से प्रेरित हो सकें इस लिए उन्होंने इस अंग दान के बारे में बातें सार्वजनिक की है।मोकामा ऑनलाइन रेखा देवी के परिजनों की इस साहसिक और दयालुतापूर्ण कार्य का सम्मान करता हैं और पाठकों से आग्रह करता है कि अगर इश्वर की दी हुई इस अनमोल आँखों को दान करें ताकि कोई अन्य अँधा दिव्यांग व्यक्ति भी दुनिया देख सके । (Rekha Devi will remain alive even after death)
मोकामा ऑनलाइन के इन्स्टाग्राम पर हमसे जुड़िये ।
देश और दुनिया की इस तरह के अन्य खबरों को जानने के लिए मोकामा ऑनलाइन डॉट कॉम के अतिरिक्त हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ,ट्विटर ,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हमे फॉलो करें।
ये भी पढ़ें:-राम मंदिर के भक्तों के लिए अयोध्या में 10 अवश्य घूमने योग्य स्थान
ये भी पढ़ें:-भारतीय राजनीति में 6 सबसे प्रभावशाली महिलाएं
शांति और सामाजिक समरसता की मिसाल: मोकामा के वार्ड 6 में सादगी भरा दावते इफ्तार…
रेलवे संपत्ति पर अवैध कब्ज़े के मामले में RPF की कार्रवाई।(RPF action in case of…
मर्दों का नहीं मुर्दों का शहर है मोकामा-आनंद मुरारी । (Mokama is a city of…
वार्ड नंबर 12 की उपेक्षित गली का दशकों बाद शुरू हुआ निर्माण: युवाओं के सोशल…
आइये आज जाने मोकामा के उस लाल को जिसने अपनी लेखनी के बल पर मोकामा…
सत्यम बने मिस्टर बिहार , गौरवान्वित हुआ मोकामा। (Satyam became Mr. Bihar, Mokama became proud)…