Muharram's tazia procession in Mokama became an example of Hindu-Muslim unity
बिहार।पटना।मोकामा।एक ओर मुहर्रम के अवसर पर देश के कई हिस्सों में धार्मिक सद्भाव बिगड़ने की खबर आ रही है वंही मोकामा में मुहर्रम का ताजिया जुलूस हिंदू-मुस्लिम एकता का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया है। दो समुदायों के बीच सद्भाव और एकजुटता का यह उल्लेखनीय प्रदर्शन विभिन्न धर्मों के व्यक्तियों के बीच मौजूद साझा मूल्यों और आपसी सम्मान का प्रमाण है।इस्लामी चंद्र कैलेंडर के पहले महीने के दौरान मनाया जाने वाला ताजिया जुलूस, पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की याद दिलाता है। इसमें इमाम हुसैन के मकबरे की खूबसूरती से तैयार की गई प्रतिकृतियां, जिन्हें ताजिया के नाम से जाना जाता है, को सड़कों पर ले जाना और शोकगीत गाते हुए और उनकी दुखद मौत पर शोक व्यक्त करना शामिल है। परंपरागत रूप से मुसलमानों द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अब एक समावेशी उत्सव के रूप में विकसित हो गया है जो विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के लोगों को आकर्षित करता है।
मोकामा ऑनलाइन की वाटस ऐप ग्रुप से जुड़िये और खबरें सीधे अपने मोबाइल फ़ोन में पढ़िए ।
जो बात मुहर्रम के ताजिया जुलूस को विशेष रूप से अद्वितीय बनाती है, वह हिंदुओं और मुसलमानों को एकता और समझ की भावना से एक साथ लाने की क्षमता है। हिंदू इस आयोजन में अपना समर्थन देकर, जुलूसों में शामिल होकर सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।मोकामा नगर परिषद के उपसभापति प्रतिनिधि कन्हैया जी पिछले कई दशकों से तजिया में शामिल होकर आपसी भाई चारे को बढ़ावा देते आ रहे हैं।इस बार भी मुहर्रम के जुलुस में कन्हैया जी ताजिये के बीच तलवारबाज़ी करते और लाठी भांजते नजर आये।मोकामा में हिंदू-मुस्लिम एकता की यह खूबसूरत परंपरा इन दोनों समुदायों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व और आपसी सम्मान को प्रदर्शित करते हुए फल-फूल रही है। वर्षों से कायम मित्रता और भाईचारे के बंधन को देखना सुखद है। (Muharram’s tazia procession in Mokama became an example of Hindu-Muslim unity)
ईद के दौरान, मुस्लिम अपने दरवाजे पर अपने हिंदू दोस्तों के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। गर्मजोशी से किया गया आलिंगन प्रेम, शांति और एकता के साझा उत्सव का प्रतीक है। इसी तरह, मुहर्रम के दौरान, हिंदू खुले दिल से ताजिया जुलूस का स्वागत करते हैं। वे न केवल अपना समर्थन देते हैं बल्कि अपने मुस्लिम भाइयों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए लाठी बजाने में भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।समावेशिता की भावना होली तक भी फैली हुई है। हिंदू परिवार खुशी-खुशी अपने मुस्लिम पड़ोसियों के घर जाते हैं और ढोल मंजीरा की लयबद्ध थाप के साथ होली गीत गाते हैं। गुलाल के जीवंत रंग धार्मिक सीमाओं को पार करते हुए एक-दूसरे के चेहरे पर चंचलतापूर्वक लगाए जाते हैं और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देते हैं। (Muharram’s tazia procession in Mokama became an example of Hindu-Muslim unity)
मोकामा ऑनलाइन के इन्स्टाग्राम पर हमसे जुड़िये ।
देश और दुनिया की इस तरह के अन्य खबरों को जानने के लिए मोकामा ऑनलाइन डॉट कॉम के अतिरिक्त हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ,ट्विटर ,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हमे फॉलो करें।
ये भी पढ़ें:-राम मंदिर के भक्तों के लिए अयोध्या में 10 अवश्य घूमने योग्य स्थान
ये भी पढ़ें:-भारतीय राजनीति में 6 सबसे प्रभावशाली महिलाएं
ज़ी न्यूज़ के साथ नई पारी शुरू करने जा रहे हैं मोकामा के लाल अखिलेश…
किसानों के देश में कंप्यूटर की बात करने वाले राजीव गाँधी।(Rajiv Gandhi who talked about…
बाढ़ के अनुमंडल पदाधिकारी श्री शुभम कुमार का ट्रांसफर, श्री चन्दन कुमार बने नए अनुमंडल…
बाढ़ अनुमंडल में विकास योजनाओं की हुई समीक्षा, उप मुख्यमंत्री ने दिए गुणवत्ता और अनुपालन…
मोकामा रेलवे स्टेशन पर सेना के सम्मान में लहराएगा विशाल तिरंगा।(A huge tricolor flag will…
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप: महिला पदाधिकारी और पति पर वीडियो में उठे सवाल।(Serious allegations of…