Mokama's son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category
बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा का बेटा रामशंकर, एक युवा और दृढ़ निश्चयी व्यक्ति, पावरलिफ्टिंग की दुनिया में एक उभरता हुआ सितारा बनकर उभरा है। अपने अटूट समर्पण और अपार ताकत के साथ, वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग में छाने को तैयार हैं।रामशंकर की पावरलिफ्टिंग सनसनी बनने की यात्रा कम उम्र में ही शुरू हो गई थी। अपनी समृद्ध खेल संस्कृति के लिए मशहूर एक छोटे से शहर मोकामा में पले-बढ़े, छोटी उम्र से ही उन्हें विभिन्न खेलों का अनुभव हुआ। हालाँकि, यह पॉवरलिफ्टिंग ही थी जिसने वास्तव में उनके जुनून को प्रज्वलित किया और उन्हें एक असाधारण रास्ते पर स्थापित किया। (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
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जिस क्षण से रामशंकर ने जिम में कदम रखा, यह स्पष्ट हो गया कि उनके पास पावरलिफ्टिंग की असाधारण प्रतिभा है। उनकी प्राकृतिक ताकत और उनकी अथक कार्य नीति ने उन्हें तुरंत ही खेल में नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। अनुभवी प्रशिक्षक लकी कुमार के मार्गदर्शन में, रामशंकर ने अपने कौशल को निखारा और एक प्रभावशाली शारीरिक संरचना विकसित की।मोकामा प्रखंड के हथिदह पंचायत के विक्की ने भी 58 किलो वर्ग में सिल्वर मैडल जीतकर अपने परिजनों का नाम रौशन किया है। (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
भागलपुर के एकचरी ठाकुरबाड़ी में आयोजित बिहार स्टेट पॉवर लिफ्टिंग में वेट केटेगरी 75 में रामशंकर ने गोल्ड मैडल जीतकर मोकामा का का नाम रौशन किया। बिहार राज्य पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रामशंकर की जीत ने न केवल खुद को गौरवान्वित किया, बल्कि मोकामा को मानचित्र पर भी सुनहरा बना दिया। यह छोटा शहर, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और घनिष्ठ समुदाय के लिए जाना जाता है, हमेशा से ही बिहार के बड़े शहरों पर भारी पड़ा है। रामशंकर की उल्लेखनीय उपलब्धि ने इस साधारण शहर के भीतर छिपी प्रतिभा और क्षमता को प्रदर्शित किया। (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
जैसे ही रामशंकर के स्वर्ण पदक की खबर फैली, मोकामा के लोग खुशी से झूम उठे। आज पूरा मोकामा शहर उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और अटूट भावना को सलाम करता दिखाई दे रहा है।रामशंकर की सफलता ने मोकामा के अनगिनत युवा एथलीटों के लिए प्रेरणा का काम किया, जिन्हें अब विश्वास हो गया कि वे भी महानता हासिल कर सकते हैं। हालाकिं उसके जीते गोल्ड मैडल की चमक से पूरा मोकामा सुनहरा हो गया परन्तु उसकी चौड़ी छाती के बीच उसका दिल अपने पिता को याद करता है जिनकी अभी २ महीने पहले ही असमय मृत्यु हो गई थी।लबों पर हँसी मगर आँखों के छलकते आंसू अहसास कराते हैं कि चैंपियन अपने पिता को कितना प्यार करता है । (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
रामशंकर चैंपियन बन पोडियम पर खड़ा था, लोग उसकी जीत का आनंद ले उठा रहे थे परन्तु वह भावनाओं के खट्टे-मीठे मिश्रण को महसूस करने से खुद को नहीं रोक सका। उनके गले में पड़ा स्वर्ण पदक उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और जीत का प्रतीक है, फिर भी यह उनके प्यारे पिता की अनुपस्थिति की मार्मिक याद भी दिलाता है।उन्होंने जो हासिल किया उसके लिए उनका दिल गर्व से फूला हुआ था, लेकिन यह उनके पिता के असामयिक निधन से छोड़े गए खालीपन से भी आहत था। उनके साझा सपनों और आकांक्षाओं की यादें उनके दिमाग में उमड़ पड़ीं, जिससे उन्हें अपने पिता द्वारा हमेशा प्रदान किए गए अटूट समर्थन और प्रोत्साहन की याद आ रही थी ।यह रामशंकर के स्वर्गवासी पिता द्वारा किए गए सभी बलिदानों और रामशंकर के अथक मेहनत का नतीजा है की आज वह सफलता के इस शिखर तक पहुँच पाया। (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
मोकामा नगर परिषद अध्यक्ष नीलेश कुमार ने अपनी असाधारण प्रतिभा और समर्पण से मोकामा को मानचित्र पर लाने के लिए रामशंकर के प्रति आभार व्यक्त किया।उन्होंने मोकामा में अन्य युवा एथलीटों को रामशंकर की सफलता से प्रेरणा लेने और अपने-अपने क्षेत्र में महानता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। अध्यक्ष नीलेश कुमार का मानना है कि यह जीत युवाओं को अपने सपनों को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा के रूप में काम करेगी । उन्होंने कहा कि रामशंकर जैसे खिलाडियों की उपलब्धियों को पहचानने और उसे प्रोत्साहित करने की जरूरत है । मोकामा ऑनलाइन अपने इस चैंपियन को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देता है (Mokama’s son Ramshankar won gold in powerlifting in 75 category)
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