Mahant of Achari place Sri Sri 1008 Sri Ramanujacharya Ji Maharaj is no more
बिहार।पटना।मोकामा। आज सुबह 6 बजे आचारी स्थान, धौरानी टोला, मोकामा के महंत श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज का वैकुंठ वास हो गया।वह 85 वर्ष के थे और लम्बे समय से बीमार थे।श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज रामानुजन सम्प्रदाय और श्री वैष्णव सम्प्रदाय के जाने माने महंत थे । वे बचपन से ही आचारी स्थान में पूजा ओर भगवान के सानिध्य में थे ।पिछले दिनों ही इनके बीमार होने पर इनके हाथों से ही गौदान किया गया था । उनके कार्यकाल में भक्तों के सहयोग मंदिर कई काम कराए,मन्दिर परिसर को भव्य और दिव्य रूप दिया ।
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उनका निधन एक युग के अंत का प्रतीक है, क्योंकि महंत श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज न केवल एक श्रद्धेय आध्यात्मिक व्यक्ति थे, बल्कि अनगिनत भक्तों के लिए एक मार्गदर्शक भी थे। भगवान के प्रति सहज भक्ति के साथ जन्मे, उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा और धार्मिक शिक्षाओं के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित कर दिया। (Mahant of Achari place Sri Sri 1008 Sri Ramanujacharya Ji Maharaj is no more)
महंत श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज की यात्रा उनके प्रारंभिक वर्षों में शुरू हुई जब उन्होंने असाधारण आध्यात्मिक झुकाव प्रदर्शित किया। उन्होंने अपने दैवीय संबंध को पहचानते हुए, अपनी छोटी उम्र में ही वह रामानुजन संप्रदाय और श्री वैष्णव संप्रदाय में दीक्षित हुए । अपने गुरुओं के मार्गदर्शन में, उन्होंने गहन ज्ञान और बुद्धिमत्ता को आत्मसात किया, जिसे बाद में उन्होंने अपने शिष्यों के साथ साझा किया।उनके शिष्यों में भजन बाबा, बलराम स्वामी (बबन जी), उपेंद्र रामानुज दास गुरु भाई (सहोदर भाई),अरविन्द स्वामी , रघुनंदन स्वामी, , नरसिंह स्वामी गुरु भाई , नारायण स्वामी, चतुर्भुज स्वामी गुरु भाई हैं जो आज उनके बताये रस्ते पर चलकर इश्वर की आराधना में लगे हुए हैं। (Mahant of Achari place Sri Sri 1008 Sri Ramanujacharya Ji Maharaj is no more)
अपने पूरे जीवन में, महंत श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज ने विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच धार्मिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने की दिशा में अथक प्रयास किया। उनकी शिक्षाओं में प्रेम, करुणा के महत्व पर जोर दिया गया । महंत श्री श्री 1008 श्री रामानुजाचार्य जी महाराज के निधन की खबर से पूरे मोकामा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी है।आध्यात्मिक गुरु ने अनगिनत भक्तों के जीवन को दिशा दिया था।उनके निधन ने एक ऐसा शून्य छोड़ दिया है जिसे भरना मुश्किल होगा। (Mahant of Achari place Sri Sri 1008 Sri Ramanujacharya Ji Maharaj is no more)
जैसे ही यह बात फैली, दूर-दूर से भक्त आचारी स्थान में आने लगे जहां महाराज जी का पार्थिव शरीर रखा हुआ है । वे सांत्वना, मार्गदर्शन और अपने प्रिय गुरु की अंतिम झलक पाने के लिए आए थे। जब शोक संतप्त लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए तो माहौल गमगीन हो गया।श्रद्धांजलि देने वालों में जेडीयू पार्टी के बड़े नेता राजीव लोचन सिंह, सामाजिक कार्यकर्त्ता शैलेश कुमार,सुखो सिंह,संजय कुमार, प्रहलाद कुमार भी शामिल थे।लोगों के जीवन पर महाराज जी के गहरे प्रभाव को स्वीकार करते हुए श्रधालुओं ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत श्रद्धा का प्रतीक था, बल्कि समुदाय में कई लोगों द्वारा साझा किए जाने वाले सम्मान और प्रशंसा का भी प्रतिनिधित्व करता था। (Mahant of Achari place Sri Sri 1008 Sri Ramanujacharya Ji Maharaj is no more)
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