Maa Bhagwati place where every prayer is accepted
बिहार।पटना।मोकामा। मोकामा के वार्ड संख्या 15 में मां भगवती का प्राचीन मंदिर मोकामा वासियों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। इसका महत्व न केवल इसके ऐतिहासिक महत्व में निहित है, बल्कि स्थानीय लोगों की इस पर अटूट आस्था में भी निहित है। भगवती स्थान माता रानी का एक ऐसा मंदिर है, जहां संतान से संबंधित सभी परेशानियां दूर होती हैं। इस मंदिर में खुद माता रानी उनके संतानों की रक्षा करती हैं।कई श्रद्धालुओं का तो यहां तक कहना है कि उनकी संतान को किसी नकारात्मक ऊर्जा ने जकड़ रखा था, जिसका निवारण इसी मंदिर में हुआ।माँ भगवती के इस मंदिर में बच्चों की रक्षा और उपचार करने का विश्वास पीढ़ियों से चला आ रहा है, जिससे मोकामा के लोगों और प्राचीन मंदिर के बीच एक मजबूत बंधन बना हुआ है। (Maa Bhagwati place where every prayer is accepted)
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चमत्कारिक और दैवीय शक्ति की कहानियों ने केवल स्थानीय लोगों के विश्वास को मजबूत किया है बल्कि जिन माता-पिता को अपने बच्चों के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, चाहे वह स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हों या व्यवहार संबंधी समस्याएं, अंतिम उपाय के रूप में भगवती स्थान की ओर रुख करते हैं। उनका मानना है कि माता रानी स्वयं मंदिर में निवास करती हैं, उनसे प्रार्थना करने पर उनका आशीर्वाद हमेशा मिलता है ।विशेष पुरोहित इन परिवारों की ओर से विशेष अनुष्ठान करते हैं और प्रार्थना करते हैं, जिससे मंदिर के भीतर निवास करने वाली दिव्य ऊर्जा का आह्वान किया जाता है।माँ भगवती विशेष भक्त को संकेत देती हैं जिसे वे भक्तों को बताते हैं और भक्त उनके निर्देश का पालन कर अपना कल्याण करते हैं । (Maa Bhagwati place where every prayer is accepted)
हर साल नाग पंचमी के शुभ अवसर पर इस पवित्र स्थल पर एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। वातावरण भक्ति और उत्साह से भरा हुआ रहता है क्योंकि दूर-दूर से भक्त माँ भगवती की पूजा अर्चना करने के लिए एकत्रित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां सच्चे दिल से की गई कोई भी इच्छा अवश्य पूरी होती है। भगवती का आशीर्वाद चाहने वालों के लिए यह एक प्राचीन तीर्थ है।मंदिर की प्रतिष्ठा केवल इच्छा पूर्ति तक ही सीमित नहीं है। किंवदंतियाँ इसकी पवित्र दीवारों के भीतर होने वाले चमत्कारी उपचारों की बात करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों को जहरीले जीव-जंतुओं ने काट लिया है उन्हें मंदिर की पवित्र भभूत(नीर) से बना लेप लगाने और पिलाने से व्यक्ति को जल्द स्वास्थ्य लाभ मिलता है। (Maa Bhagwati place where every prayer is accepted)
शादी व्याह के अवसर पर माँ भगवती का आशीर्वाद लेने के लिए लोग अवश्य जाते हैं ।बिना यंहा पूजा किये कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता हैं। विवाह समारोहों से पहले माँ भगवती की पूजा करना हमारे समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने में अत्यधिक महत्व रखती है। दिव्य स्त्रीत्व और शक्ति के प्रतीक के रूप में, उनका आशीर्वाद मांगने से उनकी वैवाहिक यात्रा पर जाने वाले जोड़े को समृद्धि, खुशी और सुरक्षा मिलती है। माँ भगवती, जिन्हें दुर्गा या शक्ति के नाम से भी जाना जाता है, ऊर्जा और शक्ति के अंतिम स्रोत के रूप में पूजनीय हैं। किसी भी शुभ कार्यक्रम, विशेषकर शादियों से पहले उनकी पूजा, सौहार्दपूर्ण और सफल मिलन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि उनका आशीर्वाद जोड़े को प्यार, समझ, प्रजनन क्षमता और दीर्घायु प्रदान करता है।विवाह समारोहों के दौरान देवी भगवती की पूजा करने का कार्य मात्र परंपरा से परे है; यह एक आनंदमय वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक दैवीय हस्तक्षेप में गहरी आस्था को दर्शाता है। उनके मंदिर में किए जाने वाले अनुष्ठान उनकी दिव्य उपस्थिति का आह्वान करते हैं और जोड़े के भविष्य के लिए उनका मार्गदर्शन मांगते हैं। (Maa Bhagwati place where every prayer is accepted)
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