आज कीसा सिंह की 9 वी पुन्य तिथि है.आज ही के दिन २००५ को कीसा सिंह ने इस नश्वर शरीर का त्याग किया था. उसकी जान भी अपने मुह्ह्ले के लगभग २० लोगो को बचाते हुये गई नहीं तो इन २० लोगो में से किसी की भी जान जाती मगर उसने आगे बढ़कर अपना बलिदान दिया और उन २० लोगो की जान बचा दी .
कीसा- किसान कभी मरा नहीं करते ,आज भी तुम्हारे सपने जिन्दा है और जबतक तुम्हारे सपने होंगे तुम्हारी मौत नहीं हो सकती.जब भी फसले लहलहाएगी तुम याद आओगे .जब भी मुकेश का गया वो गीत ..और रफ़ी की तान सुनूंगा तुम याद आओगे.. और जब भी राजनीति की बात होगी तुम रुलाओगे..
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