बिहार।पटना।मोकामा। दामाद और नाती के निस्वार्थ कार्य की हृदयस्पर्शी कहानी तेजी से पूरे बिहार और उसके बाहर जंगल की आग की तरह फैल गई। बुजुर्ग जोड़े को बहंगी में ले जाते हुए दोनों की तस्वीरें लाखों लोगों के दिलों को छू गईं, जिससे उनकी भक्ति के लिए प्रशंसा और सम्मान की लहर पैदा हुई। (Kalyug’s Shravan Kumar made his mother-in-law and father-in-law sit in a bahangi and made a pilgrimage)
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जैसे ही समाचार आउटलेट्स ने कहानी को उठाया, समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों ने अपने सास-ससुर की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए दामाद के समर्पण की प्रशंसा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी पितृभक्ति और पारिवारिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करने वाले संदेशों की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने उन्हें आधुनिक श्रवण कुमार के रूप में सराहा, जो हिंदू पौराणिक कथाओं के उस महान चरित्र के समान है जो अपने माता-पिता के प्रति अटूट भक्ति के लिए जाना जाता है। (Kalyug’s Shravan Kumar made his mother-in-law and father-in-law sit in a bahangi and made a pilgrimage)
महेश्वर साह नाम के दामाद का हमेशा अपनी पत्नी के माता-पिता के साथ घनिष्ठ संबंध था। उन्होंने समय के साथ उनके गिरते स्वास्थ्य को देखा था और समस्तीपुर जाने की उनकी इच्छा को समझा था, एक ऐसा स्थान जिसे वे अपने दिलों में प्रिय मानते थे। वित्तीय बाधाओं और तार्किक चुनौतियों के बावजूद, महेश्वर साह अपने सास ससुर की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए दृढ़ थे। महेश्वर साह ने अपने सास ससुर की अंतिम इच्छा को लेकर पहले से तैयारी शुरू कर दी थी।सावन की दूसरी सोमवारी को महेश्वर साह ने अपने सास ससुर को बहंगी मैं बैठाकर बेगूसराय जिला के बछवाड़ा से लगभग 40 किलोमीटर तक की दूरी तय कर समस्तीपुर की पैदल यात्रा कर प्रसिद्ध थानेश्वर मंदिर में इन दोनों से जलाभिषेक करवाया। (Kalyug’s Shravan Kumar made his mother-in-law and father-in-law sit in a bahangi and made a pilgrimage)
ज्ञात हो की जीवन के आखिरी पडाव में होने के कारण मुजफ्फरपुर जिला के पिपरी थाना क्षेत्र निवासी लखन साह (99 वर्ष) और बनारसी देवी (96 वर्ष) ने दामाद महेश्वर साह और नाती धर्मेंद्र कुमार साह को अंतिम इच्छा बताते हुए सावन की सोमवारी को जलाभिषेक की बात कही। जवाहरपुर गांव निवासी महेश्वर साह ने कहा कि झमटिया से शनिवार की दोपहर दो बजे गंगा जल लेने के बाद उनलोगों की यात्रा शुरू हुई थी । शनिवार की रात्रि विश्राम दलसिंहसराय के एक धर्मशाला में हुआ था । रविवार सुबह दलसिंहसराय से समस्तीपुर के लिए सफर शुरू किया। दामाद और नाती रविवार की रात्रि 10:30 बजे विशनपुर तक पहुंच गए थे।अगले दिन सोमवार को उनके सास ससुर ने समस्तीपुर के थानेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया। (Kalyug’s Shravan Kumar made his mother-in-law and father-in-law sit in a bahangi and made a pilgrimage)
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