India created history by successfully testing the Bhargavastra hypersonic missile
बिहार।पटना।मोकामा।14-05-2025। भारत ने आज रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना तेज (मैक 5) उड़ान भरने में सक्षम है और दुश्मनों के लिए भारत की सामरिक ताकत को नए आयाम देगी। इसके साथ ही, भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास हाइपरसोनिक तकनीक का सैन्य उपयोग करने की क्षमता है। भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, बल्कि यह देश को विश्व स्तर पर एक तकनीकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। इसके साथ ही, यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति सजग है और किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। (India created history by successfully testing the Bhargavastra hypersonic missile)
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित भार्गवास्त्र ने ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित परीक्षण स्थल से उड़ान भरी और पूर्व निर्धारित लक्ष्य को अत्यधिक सटीकता के साथ नष्ट कर दिया। DRDO के अधिकारियों ने बताया कि यह मिसाइल न केवल अतिसूक्ष्म मार्गदर्शन प्रणाली से लैस है, बल्कि दुश्मन की मिसाइल-रोधी तकनीक (एंटी-मिसाइल डिफेंस) को भी चकमा देने में सक्षम है। इसकी हाइपरसोनिक गति के कारण, लक्ष्य तक पहुंचने में मात्र कुछ मिनट लगते हैं, जिससे प्रतिक्रिया का समय नगण्य हो जाता है। (38-year-old Arun Yadav shot dead by miscreants in Pandarak)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO व भारतीय सेना की टीम को बधाई देते हुए कहा, “भार्गवास्त्र का सफल परीक्षण भारत की स्वदेशी तकनीकी प्रतिभा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह प्रणाली हमारे सैन्य बलों को अभूतपूर्व स्ट्राइक क्षमता प्रदान करेगी और दुश्मनों को हमारी ताकत का एहसास कराएगी।” (India created history by successfully testing the Bhargavastra hypersonic missile)
विश्लेषकों का मानना है कि भार्गवास्त्र भारत की सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा तनाव के मद्देनजर एक ‘गेम-चेंजर’ साबित होगी। चीन ने हाल के वर्षों में हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया है, लेकिन भार्गवास्त्र की सटीकता और गोपनीयता इसे अधिक घातक बनाती है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह प्रणाली भविष्य में दुश्मन के युद्धक टैंकों, बंकरों और यहां तक कि उनके मिसाइल सिस्टम को भी निशाना बना सकती है। (India created history by successfully testing the Bhargavastra hypersonic missile)
DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने बताया कि इस परियोजना पर पिछले एक दशक से गोपनीयता के साथ काम चल रहा था। उन्होंने कहा, “यह तकनीकी रूप से एक जटिल मिशन था, लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने हर चुनौती को स्वदेशी समाधानों से पार किया। अब हमारा लक्ष्य इस प्रणाली को जल्द से जल्द सेना के साथ एकीकृत करना है।” इस सफलता के बाद वैश्विक मंचों पर भारत की प्रशंसा हो रही है, हालांकि कुछ देशों ने हाइपरसोनिक हथियारों की होड़ पर चिंता भी जताई है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ने इस तकनीक में महारत हासिल कर अपना सामरिक दबदबा बढ़ाया है। (India created history by successfully testing the Bhargavastra hypersonic missile)
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