Formation of a new party of the RCP Singh
बिहार।पटना।मोकामा।बिहार में एक बार फिर सियासी पारा बढने वाला है । कभी नितीश कुमार के खासमखास रहे आरसीपी सिंह अब उनसे दूर हो गये हैं । पिछले दो साल से वनवास काट रहे आरसीपी सिंह अब अपनी एक नई राजनितिक पार्टी का गठन करने को तैयार हैं । आने वाली दीपावली को आरसीपी सिंह अपनी पार्टी को धरातल पर उतार रहे हैं । कभी नीतीश कुमार के सेनापति रहे आरसीपी सिंह दिवाली के दिन अपनी पार्टी की घोषणा एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए करेंगे। 31 अक्टूबर 2024 को इन सारे रहस्य से पर्दा उठ जाएगा की उनकी पार्टी का क्या नाम होगा और कौन कौन लोग उनके साथ होंगे ।हालाँकि कि इतना तो तय है की आरसीपी सिंह की नई पार्टी का लक्ष्य बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के वर्चस्व को चुनौती देना होगा। (Formation of a new party of the RCP Singh)
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आरसीपी सिंह की इस नई पार्टी में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में असंतुष्ट पूर्व जेडी(यू) नेता, जमीनी स्तर के कार्यकर्ता और मौजूदा सरकार से निराश मतदाता शामिल हैं। दिवाली के लिए घोषणा होने के साथ, सभी की निगाहें आरसीपी सिंह पर होंगी क्योंकि वह बिहार में राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में पहला कदम उठाएंगे।आरसीपी सिंह होटल चाणक्य में अपनी नई पार्टी खड़ी करने जा रहे हैं। दिवाली के अलावा भी आरसीपी सिंह के लिए 31 अक्टूबर महत्वपूर्ण है। वैसे तो पूरा देश इस नाम पर गर्व करता है, पर बिहार के जातीय संघर्ष में यह दिन विशेष कर कुर्मी समुदाय के लिए काफी मायने रखता है। वह इसलिए कि 31 अक्टूबर को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती है। उनके जन्म दिन के दिन ही आरसीपी अपनी पार्टी का जन्मदिन तय करने जा रहे हैं।आरसीपी सिंह हमेशा से कुर्मी समुदाय के अधिकारों और सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक रहे हैं और वे सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत के सभी समुदायों के लिए एकता और शक्ति के प्रतीक के रूप में देखते हैं। 31 अक्टूबर को अपनी नई पार्टी के रूप में आरसीपी एक स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि उनकी पार्टी समाज के सभी वर्गों के लिए समावेशिता, एकता और प्रगति के लिए खड़ी रहेगी। (Formation of a new party of the RCP Singh)
आरसीपी सिंह अपनी रणनीतिक सोच और राजनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं । आरसीपी सिंह स्पष्ट रूप से खुद को एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित कर रहे हैं, जो न केवल अपने समुदाय से जुड़ा है, बल्कि बिहार के जटिल राजनीतिक परिदृश्य को भी समझने में सक्षम है।जब आरसीपी सिंह अपने राजनीतिक जीवन के इस नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पार्टी किस तरह आकार लेती है और बिहार की राजनीतिक गतिशीलता पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। (Formation of a new party of the RCP Singh)
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