Farmers will save time due to hand machine for plucking ladyfinger there will be no itching
बिहार।पटना।मोकामा।प्रगतिशील किसान चन्दन कुमार ने मोकामा के NH-31 पर अवस्तिथ अपने फार्म हाउस पर भिन्डी तोड़ने वाले हस्तचालित मशीन से भिन्डी तोड़कर उसका परिक्षण किया ।चंदन कुमार ने अपने खेत में भिंडी की कटाई के बाद बताया कि भिंडी की तोड़ाई के तरीके में क्रांति आ चुकी है। परंपरागत रूप से, किसान भिंडी को हाथ से तोड़ते थे, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर खुजली होती थी और रेशे उनके हाथों में चिपक जाते थे। भिंडी की तोड़ाई में किसानों के हाथों में अब न खुजली होगी और न ही रेशे पड़ेंगे। गर्मी में दास्ताने पहनकर भिंडी तोड़ने से भी मुक्ति मिल सकेगी।
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नई मशीन से किसान अब बिना किसी परेशानी के आसानी से भिंडी तोड़ सकते हैं। मशीन को बिना कोई नुकसान पहुंचाए या परेशान करने वाले रेशे छोड़े बिना सब्जी को उसके तने से धीरे से अलग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह नवाचार न केवल समय और प्रयास बचाता है बल्कि उच्च गुणवत्ता वाली उपज भी सुनिश्चित करता है।चंदन कुमार ने मशीन पर अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि इससे किसानों के लिए काम करने की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। भिंडी की कटाई के बाद अब उन्हें खुजली सहनी नहीं पड़ेगी या हाथों से रेशे निकालने में अतिरिक्त समय खर्च नहीं करना पड़ेगा। यह मशीन गर्मी के महीनों के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा जब पसीना चलने के कारन भिन्डी तोडना मुश्किल हो जाता है। (Farmers will save time due to hand machine for plucking ladyfinger there will be no itching)
मोकामा के प्रगतिशील किसान चंदन कुमार ने बताया कि इस कुशल उपकरण को बनाने में डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के अभियांत्रिकी अनुसन्धान विभाग के डॉ. पीके प्रणव ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भिंडी काटने की यह मैनुअल मशीन कृषि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास है।मशीन का वजन 272 ग्राम है जो इसे हल्का और संभालने में आसान बनाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि किसान अपने दैनिक कार्यों के दौरान इसका उपयोग आराम से कर सकें। इसके डिज़ाइन में उपयोगकर्ता के अनुकूल विशेषताएं शामिल हैं जो भिंडी काटने की प्रक्रिया को सरल बनाती हैं, जिससे समय और प्रयास दोनों कम हो जाते हैं। (Farmers will save time due to hand machine for plucking ladyfinger there will be no itching)
डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा,समस्तीपुर का अभियांत्रिकी अनुसन्धान विभाग फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग विभाग उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में सबसे आगे रहा है। यह नवीनतम रचना बिहार में किसानों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।इस मैनुअल मशीन को पेश करके वैज्ञानिकों का लक्ष्य भिंडी की खेती में उत्पादकता और दक्षता बढ़ाना है। यह उपकरण किसानों को अपनी कटाई प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में सक्षम बनाएगा, जिससे बहुमूल्य समय और संसाधनों की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, यह काटने के दौरान फसल की क्षति को कम करेगा, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होगी। (Farmers will save time due to hand machine for plucking ladyfinger there will be no itching)
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