Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak
बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थक कैदियों द्वारा जेल से भागने की साजिश रचने की खबर से राज्य में हड़कंप मच गया है । अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की।जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई स्वतःस्फूर्त योजना नहीं थी, बल्कि सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना थी। अनंत सिंह, जो अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि और विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं, वफादार कैदियों के एक समूह को इकट्ठा करने में कामयाब रहे जो उनके भागने के दुस्साहसिक प्रयास में उनकी सहायता करने को तैयार थे।येसा आरोप जेल प्रशासन ने अनंत सिंह और उनके 30 समर्थकों पर लगाया है ।मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह, गेड़ा, गंगा गौतम, गौतम कुमार उर्फ चीकू दया, गौतम कुमार (पिता छेदी राय), गौतम कुमार (पिता अवधेश सिंह), मोहम्मद आफताब आलम, फिरोज, आफताब, पिंटू यादव, साजन कुमार, सनी कुमार, राकी कुमार, करण कुमार, करण सिन्हा, राजू कुमार, रितेश कुमार, संजीव कुमार, नीरज कुमार, गिरधारी यादव, नीतीश यादव, पंकज यादव, नवल राय, अतुल राज, सौरभ कुमार गुप्ता, बलदेव सिंह, साहिल राज, बबलू कुमार, शिवम कुमार शर्मा, कन्हैया सिंह और दिवाकर यादव पर प्राथमिकी कराई गई है। (Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak)
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एफआईआर में जेल की दीवारों के भीतर तैयार की गई विस्तृत योजना का विवरण दिया गया है। इससे पता चला कि अनंत सिंह और उसके साथी लंबे समय से गुप्त रूप से जेल ब्रेक करने की साजिश रच रहे थे। उनपर आरोप है की वे ढीले सुरक्षा उपायों या भ्रष्ट जेल कर्मचारियों की संभावित मिलीभगत का फायदा उठाकर जेल से भागने की कोशिश में थे।इसके अलावा, यह पता चला कि अनंत सिंह का नेटवर्क जेल की दीवारों से परे तक फैला हुआ था। (The FIR details the detailed plan drawn up inside the prison walls)
बेउर जेल पर कब्जा करने और कुख्यात कैदियों को छुड़ाने की साजिश को लेकर पूर्व विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगे आरोपों से अनंत सिंह के समर्थक सदमे में है। उनपर आरोप लगे गया है कि जेल वार्डन से कथित तौर पर बैरक की चाबी छीन ली गई थी।जेल अधीक्षक का यह दावा कि यह जेल तोड़ने की एक सुनियोजित साजिश थी, बेउर जेल में सुरक्षा उपायों को लेकर चिंता पैदा करता है। यदि इस तरह की साजिश इसकी दीवारों के भीतर रची जा सकती है, तो यह जेल प्रणाली के भीतर संभावित कमजोरियों के बारे में सवाल उठाती है। (Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak)
अनंत सिंह समेत 31 कैदियों के खिलाफ एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है, जो दर्शाता है कि अधिकारी इन आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं। इस कदम से पता चलता है कि इस कथित साजिश में उनकी संलिप्तता की ओर इशारा करने वाले पर्याप्त सबूत या जानकारी हैं।ऐसी साहसी योजना के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों का उद्देश्य उन विशिष्ट कैदियों को मुक्त करना था जिनके जेल के बाहर संभवतः राजनीतिक लाभ के लिए संबंध या प्रभाव हो सकते हैं।बेउर जेल प्रशासन के मुताबिक, अनंत सिंह जेल के अंदर से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल पाए गए थे। उनका दावा है कि वह अपने राजनीतिक संबंधों और वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे थे , जिसमें जेल परिसर के बाहर व्यक्तियों को डराना-धमकाना भी शामिल था। (Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak)
प्रशासन ने आगे आरोप लगाया कि अनंत सिंह को प्रभावशाली व्यक्तियों से नियमित मुलाकातें मिलती रहती थीं, जिन पर संगठित अपराध में शामिल होने का संदेह था। इन आगंतुकों ने कथित तौर पर उसे चल रहे आपराधिक अभियानों पर निर्देश और अपडेट प्रदान किए, जिन्हें उसने जेल की दीवारों के बाहर अपने सहयोगियों को दिया।इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि अनंत सिंह अपने सेल में मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं का इस्तेमाल करने में कामयाब रहे थे, जिससे वह अपने नेटवर्क के साथ लगातार संचार बनाए रखने में सक्षम थे। इस रहस्योद्घाटन ने जेल के भीतर सुरक्षा उपायों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं और अधिकारियों को जेल कर्मचारियों और पूर्व विधायक के बीच संभावित मिलीभगत की गहन जांच शुरू कर दिया गया है।अनंत सिंह के खिलाफ दर्ज की गई अतिरिक्त एफआईआर उनके सामने आने वाली बढ़ती कानूनी परेशानियों को उजागर करती है। उनपर पहले से ही कई मामले लंबित हैं ।(Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak)
मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह लगभग 4 सालों से राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं। जेल में रहते हुए ही उन्होंने साल 2020 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और जदयू उम्मीदवार राजीव लोचन सिंह को करारी शिकस्त दी। 14 जून 2022 को कोर्ट ने उन्हें उनके लदमा निवास में AK 47 रखने के जुर्म में सजा सुनाई जिसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई। उपचुनाव में अनंत सिंह की धर्मपत्नी नीलम देवी ने चुनाव लड़ा । साल 2022 में हुए इस उपचुनाव में भी अनंत सिंह का ही जादू चला । नीलम देवी ने भाजपा उम्मीदवार सोनम देवी को जोरदार शिकस्त देकर यह साबित किया कि अनंत सिंह मोकामा की जनता के दिलों में बसे हुए हैं ।उनके जेल में रहने के वावजूद तीन तीन बार मोकामा की जनता ने अनंत सिंह को समर्थन दिया ।(Case filed against 31 including Anant Singh for jailbreak)
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