Bihar Lok Sabha elections depend on strongmen
बिहार।पटना।मोकामा।लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024)का बिगुल बज चूका है चुनाव लड़ने वाली हर राजनितिक पार्टी हर हाल में जीतना चाहती है और येसे में उन्हें बाहुबलियों से कोई गुरेज नहीं। कमोबेस हर राजनितिक दल बाहुबलियों को अपनी पार्टी में जगह दे चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024)जिस तरह के नेताओं ने इंट्री ली है लगता बिहार में एक बार फिर से बाहुबली पॉलिटिक्स की शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस और आरजेडी जैसी पार्टियां बिहार के बाहुबली नेताओं और उनके परिजनों को मैदान में उतारने का मन बना लिया है। दोनों पार्टियां इस बार बिहार के तकरीबन 10-12 लोकसभा सीटों पर बाहुबली नेताओं के प्रभाव को भुनाने जा रही है।वंही जदयू भी इस खेल में पीछे नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों की राय मानें तो एक दशक बाद बिहार की पॉलिटिक्स में आउटडेटेड हो चुके बाहुबली नेताओं की एंट्री हो चुकी है। (Bihar Lok Sabha elections depend on strongmen)
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इन बाहुबली नेताओं से बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में ऊर्जा और उत्साह की एक नई लहर लाने की उम्मीद है। उनके अनुभव और प्रभाव से बड़ी संख्या में मतदाता आकर्षित होने की संभावना है, जिससे संभावित रूप से राज्य में शक्ति संतुलन बदल जाएगा। बिहार में बाहुबली राजनीति का पुनरुत्थान अधिक मुखर और प्रभावशाली नेतृत्व की ओर बदलाव का संकेत देता है, जिसका आगामी लोकसभा चुनावों (lok sabha election 2024)पर दूरगामी प्रभाव हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये अनुभवी राजनेता बिहार के जटिल राजनीतिक इलाके को कैसे पार करते हैं और क्या उनकी उपस्थिति अंततः राज्य की राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव लाएगी। (Bihar Lok Sabha elections depend on strongmen)
पप्पू यादव, सुरज भान सिंह (Suraj Bhan Singh), आनंद मोहन, अशोक महतो, अनंत सिंह (Anant Singh), मुन्ना शुक्ला, प्रभुनाथ सिंह,रीतलाल यादव, रामा सिंह,सुनील पांडे और राजन तिवारी जैसे बाहुबलियों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 कितना अहम होने जा रहा है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पप्पू यादव ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनाधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लिया है।बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी , पूर्व सांसद लवली आनंद और उनके बेटे चेतन आनंद ने राजद छोड़कर जदयू की सदस्यता ले ली है।बाहुबली अनंत सिंह 10 साल की सजा काट रहे हैं और जेल में बंद हैं उनकी धर्मपत्नी नीलम देवी राजद के टिकट पर मोकामा से विधायक चुन कर आई थीं।उन्होंने भी पाला बदल कर जदयू को ज्वाइन कर लिया है। पारस गुट को NDA में तरजीह नहीं मिलने के बाद सूरजभान सिंह (Suraj Bhan Singh)अपने भाई चन्दन सिंह और पत्नी वीणा देवी के लिए हर हाल में टिकट का जुगाड़ करने में लगे हुए हैं।बाहुबली नेता और महाराजगंज से तीन बार सांसद रहे प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को लेकर भी चर्चा जोरों पर है।वह लगातार महाराजगंज में केम्पेन कर रहे हैं । (Bihar Lok Sabha elections depend on strongmen)
बाहुबली नेता शहाबुद्दीन तो अब नहीं रहे, लेकिन उनकी पत्नी हीना शहाब भी सिवान से चुनाव लड़ने का ऐलान कर सभी प्रतिद्वन्दियों को चुनौती दे रहीं हैं । मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla)जैसे बाहुबली नेता भी इस बार वैशाली लोकसभा सीट से राजद उम्मीदवार के रूप मैदान में ताल ठोकने को तैयार हैं ।बाहुबली सुरेंद्र यादव को राजद जहानाबाद लोकसभा से उम्मीदवार बना सकती है । बाहुबली रीतलाल यादव(Ritlal Yadav) को राजद पाटलिपुत्र लोकसभा से रामकृपाल यादव के सामने चुनाव लड़ाने जा रही है । 17 साल बाद जेल से बाहर आये बाहुबली अशोक महतो की नवविवाहिता पत्नी अनीता को राजद मुंगेर सीट से उम्मीदवार बनाएगी । (Bihar Lok Sabha elections depend on strongmen)
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