Bahubali's entry creates ruckus in Lok Sabha elections
बिहार।पटना।मोकामा। लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024)का आगाज़ हो चूका है । आनंद मोहन, पप्पू यादव, सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh), अनंत सिंह, मुन्ना शुक्ला, अशोक महतों , स्व. शहाबुद्दीन , अजय सिंह ,प्रभुनाथ सिंह ,रामा सिंह , राजन तिवारी जैसे बाहुबली नेता एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं और अपनी अपनी परिस्तिथियों के अनुसार अलग अलग राजनितिक पार्टियों से चुनाव लड़ने को तैयार हो रहे हैं। इनमें से कई को पार्टी का सिंबल मिल चूका है कई अभी सिंबल का इन्तजार कर रहे हैं जबकि कई ने तो निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा तक कर दी है । (Bahubali’s entry creates ruckus in Lok Sabha elections)
मोकामा ऑनलाइन की वाटस ऐप ग्रुप से जुड़िये और खबरें सीधे अपने मोबाइल फ़ोन में पढ़िए ।
राजनीतिक परिदृश्य गर्म हो रहा है क्योंकि ये बाहुबली नेता 2024 में लोकसभा चुनावों (lok sabha election 2024) के लिए कमर कस रहे हैं। उनमें से प्रत्येक अपने स्वयं के अनूठे ब्रांड की राजनीति और प्रभाव को पर्दर्शित हैं, जिससे आगामी चुनाव अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और अप्रत्याशित हो जाते हैं।आनंद मोहन, पप्पू यादव, सूरजभान सिंह, अनंत सिंह (Anant Singh), मुन्ना शुक्ला, अशोक महतों, स्व. शहाबुद्दीन के परिजन , अजय सिंह, प्रभुनाथ सिंह, रामा सिंह, राजन तिवारी सभी अनुभवी मगर बाहुबली राजनेता हैं जिनका अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मजबूत समर्थन आधार है। चुनाव मैदान में उनकी उपस्थिति निश्चित रूप से चीजों को हिलाकर रख देगी और विचारधाराओं और व्यक्तित्वों की एक दिलचस्प लड़ाई होगी। बिहार के लोकतंत्र का भविष्य अधर में लटका हुआ है, और यह लोगों पर निर्भर है कि वे ऐसे नेताओं को चुनें जो इसके मूल्यों को बनाए रखेंगे और सभी के लिए बेहतर भविष्य की दिशा में काम करेंगे। (Bahubali’s entry creates ruckus in Lok Sabha elections)
आगामी चुनावों के लिए ये बाहुबली नेता जो रणनीति बनाते हैं और प्रचार प्रसार करते हैं, यह देखना बाकी है कि ये नेता जटिल राजनीतिक परिदृश्य को कैसे पार करेंगे और मतदाताओं का दिल कैसे जीतेंगे। कुछ लोगों ने पहले ही अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह सुरक्षित कर लिया है और कुछ अभी भी इंतजार कर रहे हैं, एक भयंकर चुनावी लड़ाई के लिए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election ) मंच तैयार हो चूका है । बिहार की राजनीति में इन बाहुबलियों का पुनरुत्थान चिंता का कारण है, क्योंकि उनकी उपस्थिति अक्सर भ्रष्टाचार, हिंसा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की उपेक्षा लाती है। राजद (RJD ) ,जदयू (JDU) जैसी पार्टियों द्वारा उनका फिर से स्वागत किया जा रहा है, परेशान करने वाला है, क्योंकि यह लोगों की भलाई पर सत्ता और प्रभाव को प्राथमिकता देने की इच्छा को दर्शाता है।बिहार में मतदाताओं के लिए इस चुनावी मौसम के दौरान सतर्क रहना महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे इन बाहुबलियों के करिश्मे या वादों से प्रभावित न हों। इसके बजाय, उन्हें अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से जवाबदेही, पारदर्शिता और जनता की भलाई के लिए प्रतिबद्धता की मांग करनी चाहिए। (Bahubali’s entry creates ruckus in Lok Sabha elections)
मोकामा ऑनलाइन के इन्स्टाग्राम पर हमसे जुड़िये ।
देश और दुनिया की इस तरह के अन्य खबरों को जानने के लिए मोकामा ऑनलाइन डॉट कॉम के अतिरिक्त हमारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक ,ट्विटर ,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हमे फॉलो करें।
ये भी पढ़ें:-राम मंदिर के भक्तों के लिए अयोध्या में 10 अवश्य घूमने योग्य स्थान
ये भी पढ़ें:-भारतीय राजनीति में 6 सबसे प्रभावशाली महिलाएं
शांति और सामाजिक समरसता की मिसाल: मोकामा के वार्ड 6 में सादगी भरा दावते इफ्तार…
रेलवे संपत्ति पर अवैध कब्ज़े के मामले में RPF की कार्रवाई।(RPF action in case of…
मर्दों का नहीं मुर्दों का शहर है मोकामा-आनंद मुरारी । (Mokama is a city of…
वार्ड नंबर 12 की उपेक्षित गली का दशकों बाद शुरू हुआ निर्माण: युवाओं के सोशल…
आइये आज जाने मोकामा के उस लाल को जिसने अपनी लेखनी के बल पर मोकामा…
सत्यम बने मिस्टर बिहार , गौरवान्वित हुआ मोकामा। (Satyam became Mr. Bihar, Mokama became proud)…