Anant Singh's signals are different from RJD politics
बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह अपनी बेबाकीपन और दृढ निश्चय के लिए जाने जाते हैं।शायद उनकी यही बात जनता को पसंद है और वह लगातार मोकामा से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।अनंत सिंह के बारे में एक और बात खूब बोला जाता है कि अनंत सिंह जनता के हित के लिए टूट सकते हैं मगर झुक नहीं सकते।अब एक बार फिर वह जनता के जयकारे को अपनी आवाज़ दे रहे हैं।एक और कुछ राजद नेता मन्दिर और भगवान् पर प्रश्न उठा रहे हैं वंही दूसरी और अनंत मंदिर निर्माण में जुटे हैं। (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
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राजद के कई राजनेता खोखले वादे और विभाजनकारी राजनीति में लगे हुए हैं, अनंत सिंह का ध्यान उन ठोस विकास परियोजनाओं पर केंद्रित है जो सीधे लोगों को लाभ पहुंचाते हैं। अनंत सिंह के कार्यों और अन्य राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी के बीच यह स्पष्ट अंतर ही उन्हें सबसे अलग करता है।जनहित की सेवा के प्रति उनका दृढ़ संकल्प मंदिर निर्माण को पूरा करने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता में स्पष्ट है। यह सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और समुदाय के लिए पूजा स्थल प्रदान करने के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। इस तरह की पहल में सक्रिय रूप से शामिल होकर, अनंत सिंह न केवल अपनी आस्था बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व के बारे में अपनी समझ को भी प्रदर्शित करते हैं। (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
ऐसे समय में जब राजनीतिक चर्चा अक्सर सत्ता संघर्ष और व्यक्तिगत लाभ के इर्द-गिर्द घूमती है, अनंत सिंह की बेबाकी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। वह लोकप्रिय राय या पार्टी लाइन की परवाह किए बिना निडरता से उस चीज़ के लिए बोलते हैं जो उन्हें सही लगता है। इस अटल रुख ने उन्हें उनके घटकों के बीच सम्मान दिलाया है जो उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में देखते हैं जो बिना किसी समझौते के उनके हितों के लिए खड़ा रहता है। (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
लालू यादव की पार्टी राजद के भीतर राम मंदिर पर विवादित टिप्पणी करने की होड़ न केवल चिंताजनक है बल्कि धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान की कमी को भी दर्शाती है। राजद विधायक और बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर यादव का राम मंदिर को शोषण का अड्डा बताने वाला हालिया बयान बेहद अनुचित और अपमानजनक है।चन्द्रशेखर, फतेह बहादुर और अनीता देवी जैसे व्यक्तियों को सनातन और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का हर अवसर लेते देखना निराशाजनक है। ऐसा व्यवहार न केवल धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों को कमजोर करता है, बल्कि हमारे देश में कायम धर्मनिरपेक्षता की भावना के भी खिलाफ है। (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
येसे समय में जब राजद नेता हिन्दू देवी देवताओं को अपमानित कर रहे हैं और मन्दिर को शोषण का अड्डा बताते हैं और अनंत सिंह पार्टी लाइन के विपरीत मोकामा के प्राचीन बाबा परशुराम स्थान मंन्दिर के जीर्णोधार में जुटे हैं। फ़िलहाल अनंत सिंह के सौजन्य से परशुराम स्थान मन्दिर के पूर्वी छोड़ पर विशाल द्वार बनवाया जा रह हैं।वैसे तो इस द्वार के निर्माण के लिए दान पात्र भी रखा हुआ है मगर स्थानीय नागरिक बताते हैं कि यह द्वार अनंत सिंह के द्वारा ही बनवाया जा रहा है ।क्योंकि अनंत सिंह सभी को साथ लेकर चलने में यकीं रखते हैं इसलिए यंहा दान पात्र भी रखा है जिसमें श्रद्धालु स्वेच्छा से दान कर रहे हैं । (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
राजद नेता अनंत सिंह कहते हैं कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, राजनीतिक नेताओं के लिए सभी धर्मों के लिए एकता और सम्मान को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। विभाजनकारी बयानबाजी में शामिल होने या पवित्र स्थानों या देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बजाय, राजनेताओं को उन महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो उनके मतदाताओं के कल्याण और विकास को प्रभावित करते हैं। (Anant Singh’s signals are different from RJD politics)
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